भूधसान के विरोध में ग्रामीणों का बीसीसीएल के खिलाफ प्रदर्शन, सिजुआ मोड़ पर सड़क जाम कर जताया आक्रोश
धनबाद/बाघमारा। बाघमारा के जोगता थाना क्षेत्र अंतर्गत श्यामबाजार 7 नम्बर भुइयां बस्ती में भूधसान की घटना के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। मंगलवार को दर्जनों ग्रामीणों ने बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सिजुआ मोड़ पर धनबाद-कतरास मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और बीसीसीएल पर लापरवाही का आरोप लगाया।
जानकारी के अनुसार, सोमवार को श्यामबाजार क्षेत्र में अचानक तेज आवाज के साथ ज़मीन धंस गई, जिससे कल्याणी देवी का मकान पूरी तरह जमींदोज हो गया, जबकि आसपास के दर्जनों घरों में दरारें आ गईं। इतना ही नहीं, भूधसान के कारण एक बड़े भूभाग में कई स्थानों पर धरती फट गई है, जिससे लोगों में भारी दहशत का माहौल है। प्रभावित परिवारों ने बीसीसीएल से मुआवजे और सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास की मांग की है।
प्रदर्शन में शामिल लोगों का आरोप
प्रदर्शन कर रहे स्थानीय निवासियों ने बीसीसीएल पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि क्षेत्र में अवैध रूप से कोयला खनन किया जा रहा है, जिसके चलते यह भूधसान हुआ है। उन्होंने बताया कि इस अवैध खनन का विरोध करने पर उन्हें गोली मारने तक की धमकी दी जा रही है।
लोगों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अगर समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता है।
मौके पर पहुंचे प्रशासन और बीसीसीएल के अधिकारी
सड़क जाम की सूचना मिलते ही जोगता थाना प्रभारी और बीसीसीएल के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि, आक्रोशित ग्रामीणों ने अधिकारियों को घेरते हुए जमकर नारेबाजी की और कहा कि जब तक उन्हें ठोस आश्वासन नहीं मिलता, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।
बीसीसीएल प्रबंधन ने किया आरोपों से इनकार
इस पूरे मामले पर बीसीसीएल एरिया 5 के महाप्रबंधक दशरथ सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि,“क्षेत्र में कहीं भी अवैध कोयला खनन नहीं हो रहा है। भूधसान की घटना का अवैध खनन से कोई लेना-देना नहीं है।”
हालांकि स्थानीय लोगों ने प्रबंधन के इस दावे को सिरे से खारिज किया और जांच की मांग की है।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया, जिससे आज यह स्थिति उत्पन्न हुई है। लोगों ने श्यामबाजार क्षेत्र को तत्काल “अतिसंवेदनशील जोन” घोषित करने और स्थायी समाधान की मांग की है।