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रागिनी या पूर्णिमा, चर्चा में फिर से झरिया सीट,सहानभूति वोट लेकर विधायक बनी थीं पूर्णिमा

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Kanhaiya Kumar
धनबाद:- धनबाद के छह विधानसभा सीटों में झरिया सीट हमेशा से ही चर्चा में रहा है. झरिया यहां भूमिगत आग है। धरा के ऊपर भी खानदानी दुश्मनी धधक रही है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेहद करीबी रहे सूर्यदेव सिंह का खानदान। वो सूर्यदेव जिनके किस्से दिल्ली सचिवालय में गूंजते रहते हैैं। अब उनके खानदान की लड़ाई झरिया की गलियों में दिखती है।
झरिया सीट सिंह मेंसन घराने के इर्दगिर्द ही रहा 
इस विधानसभा से मजदूरों के मसीहा कहलाने वाले स्व.सूर्यदेव सिंह विधायक रह चुके हैं. उनके बाद उनकी पत्नी कुंती सिंह भी विधायक रहीं. कुंती सिंह के बाद उनके पुत्र संजीव सिंह भी विधायक बने. पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के आरोप में संजीव सिंह के जेल जाने के बाद उनकी धर्मपत्नी रागिनी सिंह सक्रिय राजनीति में उतरी.2019 के विधानसभा चुनाव में रागिनी सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी पर सफलता नहीं मिली. स्व. सूर्यदेव सिंह के भाई राजन सिंह की बहु एवं पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में उतरी,उन्हें जनता का सहानभूति वोट मिला और जीतकर विधानसभा पहुंचीँ.दोनों गोतनी लगातार आमने – सामने हैं और 2019 जे बाद फिर से इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी तैयारी तेज कर दी है.
झरिया सीट में इस बार खिलेगा कमल
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर झरिया में अभी से इस बात की चर्चा जोरो पर है कि इस बार रागिनी की जीत पक्की है.झरिया में कमल खिलकर रहेगा.2019 के चुनाव में हारने के बाद भी रागिनी सिंह झरिया की जनता के बीच रही. जनता के बीच उनकी लगातार सेवा को देखकर यही क्यास लगाया जा रहा है कि रागिनी सिंह जनता में अपने विश्वास को और ऊंचा करने में कामयाब हुई हैं और इस बार उनका जीतना तय है.
जनता की समस्याओं को जानने समझने सुबह 10 बजे निकल पड़ती हैं घर से 
अपने प्रतिदिन के दिनचर्या में रागिनी सिंह सुबह 10 बजे तक झरिया कार्यालय पहुंच जाती हैं.लोगों के समस्याओं को जानने समझने का प्रयास करती हैं.झरिया में किसी को दुख दर्द हुआ तो रागिनी इस कदर पेश आ रही हैं मानो उनके परिवार से हो। जरूरत पड़ा तो दबंग अंदाज भी। आखिर जेठानी विधायक से मुकाबला जो है। विधायक रह चुके पति संजीव सिंह लंबे समय से जेल में है। झरिया से विधानसभा चुनाव में हार के बाद रागिनी सियासत के हर रंग को समझने लगी है।
चुनाव को देखते हुए झरिया विधायक ने भी अपनी गतिविधियां बढ़ा दी  है ,तो रागिनी सिंह भी झरिया की राजनीति में सक्रिय है.
स्व. सूर्यदेव बाबू के घराने से जनता ने नौ बार विधायक चुना 
इसी झरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता ने इसी एक स्व. सूर्यदेव बाबू के घराने से ही नौ बार विधायक को चुना हैं. मतलब साफ है, इस घराने पर झरिया की जनता का ना सिर्फ विश्वास है बल्कि अगाध प्रेम भी झलकता है.मजदूरों के मसीहा कहे जाने वाले सूर्यदेव सिंह 1977 से चार बार विधायक रहे. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी कुंती सिंह दो बार और फिर उनके बेटे एक बार यहां से विधायक रहे. उनके भाई बच्चा सिंह भी झरिया से विधायक रह चुके हैं.

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