ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन: बहुपक्षीयता, आर्थिक-सामरिक सहयोग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दिया
“Lead by Example” की नीति पर वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आह्वान
नई दिल्ली / अंतरराष्ट्रीय डेस्क, 7 जुलाई 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन के Plenary Session को संबोधित करते हुए ‘बहुपक्षीयता को सशक्त बनाना, आर्थिक-वित्तीय मामले और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)’ जैसे समकालीन विषयों पर भारत का दृष्टिकोण साझा किया।
उन्होंने कहा कि तेजी से बहुध्रुवीय हो रही दुनिया में BRICS को और अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बनाना समय की मांग है।
🔹 1. सुधारात्मक बहुपक्षीयता और संस्थागत सशक्तिकरण की ज़रूरत:
प्रधानमंत्री ने ज़ोर दिया कि यदि BRICS को सुधारित वैश्विक प्रणाली की वकालत करनी है, तो पहले अपने अंदर की प्रणालियों को मजबूत करना होगा जिससे हमारी विश्वसनीयता भी बढ़े।
BRICS New Development Bank (NDB) की परियोजनाओं को मंजूरी देते समय “मांग आधारित निर्णय, दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता” और “स्वस्थ क्रेडिट रेटिंग” पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
🔹 2. वैश्विक दक्षिण की अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम:
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में स्थापित BRICS Agricultural Research Platform जलवायु परिवर्तन, कृषि जैव-प्रौद्योगिकी, और सटीक कृषि (Precision Farming) के क्षेत्र में ज्ञान साझाकरण का एक प्रभावी मंच बन सकता है।
उन्होंने प्रस्ताव दिया कि एक BRICS विज्ञान एवं अनुसंधान भंडार (Science and Research Repository) बनाया जाए, जिससे वैश्विक दक्षिण के देशों को भी लाभ मिले।
🔹 3. महत्वपूर्ण खनिजों और प्रौद्योगिकी की आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा:
प्रधानमंत्री ने कहा कि “हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी देश इन संसाधनों का केवल अपने हित में या उन्हें हथियार की तरह उपयोग न करे।”
BRICS को Critical Minerals और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाते हुए, Resilient Supply Chains को सुनिश्चित करना चाहिए।
🔹 4. जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में भारत की सोच:
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत “AI for All” के मंत्र पर चलते हुए इसे मानव मूल्यों और क्षमताओं को बढ़ाने वाला उपकरण मानता है।
उन्होंने कहा कि AI गवर्नेंस में नवाचार को बढ़ावा देने और चिंताओं को दूर करने — दोनों को समान प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
🔹 5. “Lead by Example” – भारत की प्रतिबद्धता:
प्रधानमंत्री ने BRICS देशों से आह्वान किया कि वे दुनिया के विकासशील देशों (Global South) की अपेक्षाओं को पूरा करने में मिसाल बनें।
भारत इस दिशा में हर साझेदार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण न केवल भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है, बल्कि यह दुनिया भर के विकासशील और नवोन्मेषशील देशों के लिए एक भरोसेमंद मार्गदर्शक के रूप में सामने आया।
भारत की प्राथमिकता है – आर्थिक न्याय, तकनीकी सहयोग और जिम्मेदार वैश्विक नेतृत्व।