प्रधानमंत्री को घाना सरकार द्वारा ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ सम्मान, भारत-घाना संबंधों को समर्पित किया सम्मान
अक्रा/नई दिल्ली, 3 जुलाई 2025 – भारत और घाना के द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हुए, घाना सरकार ने भारत के प्रधानमंत्री को देश के द्वितीय सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया है। यह सम्मान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत और घाना के बीच मैत्रीपूर्ण एवं विकासोन्मुख संबंधों को मजबूत करने में निभाई गई भूमिका को मान्यता देता है।
प्रधानमंत्री ने घाना की जनता और सरकार को कहा धन्यवाद
सम्मान प्राप्त करने के उपरांत प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से घाना की जनता और सरकार को हार्दिक धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा:
“मैं घाना की जनता और सरकार का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मुझे ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ सम्मान से सम्मानित किया। यह सम्मान हमारे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य, उनकी आकांक्षाओं, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और भारत-घाना के ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित है।”
सम्मान के साथ जुड़ी ज़िम्मेदारी भी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह सम्मान केवल एक गौरव नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है। उन्होंने स्पष्ट किया “यह सम्मान एक दायित्व भी है – भारत-घाना मैत्री को और अधिक प्रगाढ़ करने का। भारत, घाना की जनता के साथ सदैव खड़ा रहेगा और एक विश्वसनीय मित्र तथा विकास भागीदार के रूप में अपना योगदान देता रहेगा।”
भारत-घाना संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और घाना के संबंध दशकों पुराने हैं, जो राजनयिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग पर आधारित हैं। घाना स्वतंत्रता प्राप्त करने वाले पहले अफ्रीकी देशों में से एक था, और भारत ने प्रारंभ से ही घाना के साथ सहयोग को प्राथमिकता दी है।
भारत द्वारा घाना को दी जाने वाली विकासात्मक सहायता, शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में सहयोग, तथा आईटी और कृषि के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम, दोनों देशों को नजदीक लाते रहे हैं।
भारत बना घाना का भरोसेमंद विकास साझेदार
भारत ने घाना में इंफ्रास्ट्रक्चर, सौर ऊर्जा, जल प्रबंधन सहित कई क्षेत्रों में मदद की है। भारत की ‘साउथ-साउथ कोऑपरेशन’ नीति के तहत अफ्रीकी देशों, विशेष रूप से घाना के साथ भारत के रिश्ते दिनोंदिन सशक्त हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री को मिला यह सम्मान न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव, और अफ्रीकी देशों के साथ साझेदारी को दर्शाता है। यह कदम आने वाले वर्षों में भारत-घाना संबंधों को और सशक्त और जीवंत बनाएगा।