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झरिया विधानसभा से काली चरण यादव की मजबूत दावेदारी, कोल बेल्ट में रखते है मजबूत पकड़ ।

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  1. कन्हैया कुमार /धनबाद 

धनबाद (झारखंड) – इस बार के विधानसभा के चुनाव में झरिया सीट से कांग्रेस के टिकट को लेकर पार्टी में आपाधापी मची है. कांग्रेस धनबाद जिला कमिटी के जिला अध्यक्ष संतोष सिंह, शमशेर आलम ऐसे कई नाम है जिन्होंने टिकट के लिए दावेदारी की है. उन्ही दावेदारों में से एक काली चरण यादव का भी नाम है.काली चरण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और इंटक में भी सक्रिय नेताओं में इनकी गिनती होती है.कांग्रेस नेता ददई दुबे समेत कांग्रेस के बड़े नेताओं में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है.अभी हाल ही में कांग्रेस पार्टी द्वारा गठित स्क्रीनिंग कमिटी के समक्ष भी काली चरण ने मुखर होकर अपनी दावेदारी पेश की तथा उन्होंने स्क्रीनिंग कमिटी को यह विश्वास दिलाया है कि यदि पार्टी उन्हें मौका देती है तो निश्चित तौर से झरिया सीट जीतकर कांग्रेस की झोली में डालने का काम करेंगे.

कोलियरी बेल्ट में है ऊँची पकड़ 

 

काली चरण यादव समूचे झरिया विधान सभा क्षेत्र में किसी नाम के मोहताज नही हैं.झरिया कोलियरी बेल्ट में उनकी खासी पकड़ है. वर्षो से इंटक में सक्रिय रूप से जुड़े होने के कारण मजदूरों के चहेते भी हैं.इन्होने मजदूरों के हक अधिकार की लड़ाई में सदैव संघर्ष किया. मजदूरों के हक अधिकार दिलाने को लेकर कभी भी समझौता नही किया यही वजह है विरोधियों के द्वारा पिछले लोकसभा के चुनाव के दौरान कालीचरण यादव पर हमले भी हुए थे जिसमे वे बाल – बाल बचे थे.

 

2019 में भी कर चुके हैं टिकट के लिए दावेदारी 

 

कालीचरण यादव 2019 के विधानसभा चुनाव में भी झरिया सीट ज़े कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारी की थी. कालीचरण मानते हैं कि झरिया में ओबीसी की संख्या अधिक है. वे ओबीसी से आते हैं और झरिया की जनता की भी मांग है कि एक बार ओबीसी से भी टिकट मिलना चाहिए. कालीचरण ने बताया कि उन्होंने दावेदारी की है आला कमान का जो भी निर्णय होगा वह मान्य होगा.

पूर्णिमा हैं झरिया से सिटिंग एमएलए 

 

वर्तमान में झरिया सीट कांग्रेस के खाते में हैं. पूर्णिमा नीरज सिंह यहाँ की विधायक है.2019 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी जीती.बता दें कि पूर्णिमा सिंह के पति पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के बाद पूर्णिमा सक्रिय राजनीति में उतरीजिन्हे झरिया की जनता ने उन्हें सहानभूति वोट देकर जीताया था.कांग्रेस पार्टी इस बार भी इस सीट को हर हाल में जीत ना चाहती है.

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