जेएमएम का मतलब जमकर मलाई मारो -राजनाथ सिंह
धनबाद. धनबाद में भाजपा के परिवर्तन यात्रा के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जेएमएम को परिभाषित करते हुए कहा कि जमकर मलाई मारो,जेएमएम का मतलब है.उन्होंने कहा कि हम झारखण्ड में केवल सत्ता परिवर्तन ही नही व्यवस्था परिवर्तन भी चाहते हैं.यह परिवर्तन यात्रा इतिहास लिखने जा रही है.झारखण्ड में परिवर्तन की बयार बह रही है. हेमंत सरकार को जाने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है.
कांग्रेस आरजेडी और झामुमो,झारखण्ड के विकास में ये तीन बाधक हैं.स्पीड ब्रेकर बने बैठे हैं इस स्पीड ब्रेकर को हमें हटाना है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल से आते ही पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को झामुमो ने दूध में मक्खी की तरह निकाल बाहर किया.चंपाई सोरेन की आखिर गलती क्या थी.उसी दूध में से मक्खी की तरह हमें हेमंत सोरेन को सत्ता से निकाल बाहर करना है.
उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़ प्रदेश आज तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ा है आखिर क्या कारण है कि झारखण्ड प्रदेश विकास में पीछे है इसे राज्य की जनता को समझने की जरूरत है.
राजनाथ सिंह ने जनता से कहा कि इस झारखण्ड में बीजेपी को सत्ता में लगातार दस वर्ष आने का मौका दें यह विश्वास दिलाते हैं कि झारखण्ड को पुरे हिंदुस्तान में विकसित राज्य बना देंगे.
पिछले चुनाव में झामुमो जीतकर आई राज्य में सरकार बनाई. जनता से किए वादे पुरे नहीं की. जनता को सिर्फ ठगा. इस प्रदेश का दुर्भाग्य है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को जेल जाना पड़ा. भ्र्ष्टाचार के आरोप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल गए. राजनित ऐसे नहीं होती है.लोक लाज लज्जा मर्यादा से प्रदेश चलती है.हेमंत सोरेन नें लोक लाज लज्जा मर्यादा सभी को दरकिनार किया.
इस प्रदेश में बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री रहे. कभी भी कोई भ्र्ष्टाचार के आरोप नहीं लगे. किसी नें उनके खिलाफ ऊँगली नहीं उठाई. दामन में कभी दाग नहीं लगने दिया.
झारखण्ड में विकास की अपार सम्भावनाएँ हैं. यहाँ बड़ी बड़ी खदाने हैं. यहाँ के लोग मेहनती परिश्रमी हैं. जरूरत पर दो- दो हाथ करनेवाले भी लोग हैं.यहाँ काम करनेवाले राजनीतिक पार्टी की जरूरत है. काम करनेवाले मुख्यमंत्री की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार में आज यह मुमकिन हुआ है कि अंतर्राष्ट्रीय जगत में ज़ब भारत बोलता है तो पूरी दुनिया सुनती है. 2014 से पहले भारत धन दौलत के मामले में 11वें स्थान पर था. महज 8 वर्षो में भारत पूरी दुनिया में धन दौलत के मामले में 5 वें स्थान पर पहुंच चूका है और 2027 तक दुनिया के टॉप 3 पर भी पहुंच जाएगी.