म्यांमार भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए भारत आगे आया, 15 टन राहत सामग्री भेजी
म्यांमार भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए भारत आगे आया, 15 टन राहत सामग्री भेजी
म्यांमार में हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने मानवीय सहायता के तहत राहत सामग्री की पहली खेप भेजी है। शुक्रवार को गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस से भारतीय वायुसेना का विशेष विमान “ऑपरेशन ब्रह्मा” के तहत 15 टन राहत सामग्री लेकर म्यांमार के लिए रवाना हुआ।
राहत सामग्री में क्या-क्या शामिल?
भारत सरकार की ओर से भेजी गई इस सहायता सामग्री में भूकंप पीड़ितों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न आवश्यक वस्तुएं भेजी गई हैं, जिनमें शामिल हैं:
✅ कंबल
✅ तिरपाल
✅ सोलर लैंप
✅ तैयार भोजन पैकेट
✅ अन्य जरूरी राहत सामग्री
“ऑपरेशन ब्रह्मा” – भारत की मानवीय पहल
भारत ने इस मानवीय मिशन को “ऑपरेशन ब्रह्मा” नाम दिया है, जिसका उद्देश्य आपदा प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता प्रदान करना है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “नेबरहुड फर्स्ट” (पड़ोसी पहले) की नीति के तहत की गई है, जिसमें भारत अपने पड़ोसी देशों को संकट की घड़ी में हरसंभव सहायता देने के लिए तत्पर रहता है।
भारतीय वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका
राहत सामग्री को म्यांमार तक पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के विशेष विमान का उपयोग किया गया। हिंडन एयरबेस से उड़ान भरने के बाद विमान सीधे म्यांमार पहुंचा, जहां स्थानीय प्रशासन की मदद से राहत सामग्री पीड़ितों तक पहुंचाई जाएगी।
म्यांमार में भूकंप से भारी तबाही
म्यांमार में हाल ही में आए तीव्र भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। कई इलाकों में घर तबाह हो गए हैं, हजारों लोग बेघर हो गए हैं, और बुनियादी सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ऐसी स्थिति में भारत की ओर से दी गई यह मदद वहां के लोगों के लिए राहत लेकर आई है।
भारत की वैश्विक आपदा राहत नीति
भारत ने हमेशा आपदा प्रभावित देशों की मदद की है, चाहे वह नेपाल में 2015 का भूकंप हो, तुर्की में 2023 की आपदा हो या अब म्यांमार में यह भूकंप। ऑपरेशन ब्रह्मा भारत की इसी वैश्विक आपदा राहत नीति का एक और उदाहरण है।
भारत सरकार ने संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर राहत सामग्री की और खेप भी भेजी जाएगी। भारत और म्यांमार के बीच मित्रता और सहयोग को मजबूत करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
म्यांमार भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए भारत ने “ऑपरेशन ब्रह्मा” के तहत मानवीय सहायता भेजकर एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत हर संकट की घड़ी में अपने पड़ोसी देशों के साथ खड़ा है। यह पहल न केवल मानवता की मिसाल है, बल्कि भारत की वैश्विक कूटनीति का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।