उपायुक्त आदित्य रंजन की अध्यक्षता में पंचायती राज योजनाओं की गहन समीक्षा, आदर्श पंचायत भवन बनाने पर जोर
धनबाद। जिले में पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति को लेकर आज समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी आदित्य रंजन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में पंचायत भवनों की भौतिक सुविधाओं से लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन तक कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई।
योजनाओं की समग्र समीक्षा
बैठक में ग्राम पंचायत विकास योजना, पंचायत सचिवालय सुदृढ़ीकरण योजना, ज्ञान केंद्रों की स्थिति, सचिवालय की अद्यतन रिपोर्ट, कर्मियों की नियुक्ति व रिक्त पदों की स्थिति समेत विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने अधिकारियों से इन योजनाओं के अद्यतन रिपोर्ट त्वरित रूप से उपलब्ध कराने को कहा।
पंचायत भवनों को बनाया जाएगा ‘आदर्श’
उपायुक्त आदित्य रंजन ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने प्रखंडों के सभी पंचायत भवनों का “नो कॉस्ट-लो कॉस्ट असेसमेंट” कराएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत भवन को ‘आइडियल पंचायत भवन’ के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा जाए, जिसमें—
सुंदर एवं सुसज्जित भवन
बाउंड्री वॉल
वेटिंग एरिया
साफ-सुथरा परिसर
बिजली, पानी, शौचालय, फर्नीचर, रंग-रोगन आदि की व्यवस्था
दरवाजे-खिड़कियों की मरम्मत
समुचित वायरिंग व प्रकाश व्यवस्था
सुनिश्चित हो।
बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य, गैरहाजिर सचिवों पर सख्त निर्देश
बैठक के दौरान उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जो पंचायत सचिव अपने पंचायत भवन में रहकर बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे हैं, उनके वेतन को तत्काल प्रभाव से रोका जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव की उपस्थिति आम नागरिकों को सरकारी योजनाओं की जानकारी एवं सेवाओं के निर्बाध लाभ के लिए अत्यंत आवश्यक है।
मौजूद सुविधाओं का जमीनी निरीक्षण अनिवार्य
उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में संचालित विद्यालयों, अस्पतालों, आंगनबाड़ी केंद्रों और विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए ताकि योजनाएं केवल कागज़ों में नहीं, धरातल पर भी प्रभावी रूप से कार्यान्वित हों।
बैठक में ये अधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी मुकेश बाउरी, अनुमंडल पदाधिकारी राजेश कुमार, सभी बीडीओ, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर एवं अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
पंचायती राज की जड़ों को मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन का यह कदम सराहनीय माना जा रहा है। उपायुक्त की स्पष्ट मंशा है कि पंचायत भवन केवल भवन न रहकर ग्राम विकास का केंद्र बनें। अब देखना यह है कि दिए गए निर्देश कितनी तेजी से धरातल पर उतरते हैं और धनबाद की पंचायतें राज्य के लिए एक मिसाल बनती हैं या नहीं।