हिलटॉप राइजिंग आउटसोर्सिंग में अवैध ब्लास्टिंग से पांच मकान क्षतिग्रस्त, बड़ी दुर्घटना टली
धनबाद/कतरास – धनबाद के मोदीडीह कोलियरी अंतर्गत हिलटॉप राइजिंग आउटसोर्सिंग परियोजना में तेतुलमुड़ी कॉलोनी के पास भारी विस्फोट (हेवी ब्लास्टिंग) से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। विस्फोट के कारण पांच मकानों की दीवारें, छतें और प्लास्टर गिर गए, जिससे दो मकानों में रखे टीवी, बर्तन, अनाज और अन्य घरेलू सामान क्षतिग्रस्त हो गए।
बाल-बाल बचे लोग, बड़ा हादसा टला
स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के समय अधिकतर लोग घरों के बाहर बैठे थे, जिससे एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई। यदि लोग घरों के भीतर होते तो जान-माल की गंभीर क्षति हो सकती थी। स्थानीय निवासियोंने बताया कि जब ब्लास्टिंग का कंपन शुरू हुआ तो उनके घर की छत का प्लास्टर अचानक गिर पड़ा। उनके बच्चे बाहर खेल रहे थे, जिससे वे सुरक्षित रहे। वहीं, पड़ोसी राहुल कुमार की टीवी पूरी तरह टूट गई।
पीड़ित परिवारों में दहशत और आक्रोश
घटना के बाद हेमराज भुइयां, प्रमिला देवी, राहुल कुमार, कुंदन कुमार सिंह और विजय भुइयां समेत सभी पीड़ित परिवार आक्रोशित होकर परियोजना कार्यालय पहुंचे। लेकिन तब तक वहां मौजूद अधिकारी और कर्मी मौके से हट चुके थे। स्थिति को संभालने के लिए सीआईएसएफ के जवानों को मौके पर तैनात कर दिया गया।
पूर्व में भी हुई थी इसी तरह की घटना
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है। कुछ दिनों पहले भी इसी प्रकार की घटना हुई थी, जिसमें कुछ परिवारों को विस्थापित किया गया था। लेकिन इन पांच परिवारों को अनदेखा कर दिया गया, जबकि इनके घरों में करीब 32 लोग रहते हैं।
प्रबंधन और पीड़ितों की अलग-अलग राय
घटना को लेकर प्रबंधन का कहना है कि सभी प्रभावित लोगों को पुनर्वास और सहायता राशि प्रदान कर दी गई है, लेकिन कुछ लोग अभी भी स्थान खाली करने को तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर, पीड़ितों का कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के दोपहर लगभग ढाई बजे ब्लास्टिंग की गई, जिससे भारी नुकसान हुआ।
स्थानीय लोगों की मांग
क्षतिग्रस्त घरों में रहने वाले परिवारों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें भी तत्काल विस्थापन और मुआवजा दिया जाए। साथ ही, जब तक उन्हें सुरक्षित स्थान नहीं मिल जाता, इस प्रकार की ब्लास्टिंग पर रोक लगाई जाए।
इस घटना ने एक बार फिर कोयला क्षेत्रों में आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा की जा रही लापरवाह और असुरक्षित ब्लास्टिंग गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और परियोजना प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है कि वे सुरक्षा मानकों का पालन करें और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।