हर्षोल्लास के साथ जगदेव जागरण रथ की विदाई
धनबाद(झारखंड) : अमर शहीद जगदेव प्रसाद जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संत कुमार सिंह पूरे झारखंड के जिलों का भ्रमण करने के बाद बुधवार को धनबाद पहुंचे। उनके ठहरने की व्यवस्था कांग्रेस प्रदेश महासचिव रविंद्र कुमार वर्मा के आवास पर की गई। गुरुवार को पूरे हर्ष और उल्लास के साथ जगदेव जागरण रथ की विदाई की गई। इस कार्यक्रम का संचालन झारखंड कुशवाहा महासभा के जिला अध्यक्ष लाल बाबू सिंह ने किया।
जगदेव प्रसाद के विचारों को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प
कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रविंद्र कुमार वर्मा ने अमर शहीद जगदेव प्रसाद के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और गरीब तबके के अधिकारों की रक्षा के लिए समाज के सभी लोगों को एकजुट होना होगा। उन्होंने जगदेव बाबू के बलिदान और त्याग को याद करते हुए कहा कि ऐसे महापुरुषों के जन्म से न केवल समाज बल्कि पूरे देश का भला होता है।
शोषितों के अधिकारों के लिए बुलंद हुई आवाज़
झारखंड कुशवाहा महासभा के जिला अध्यक्ष लाल बाबू सिंह ने कहा:
“100 में 90 शोषित हैं, शोषितों ने ललकार है,
धन-धरती और राजपाठ में 90 भाग हमारा है।
10 का शासन 90 पर नहीं चलेगा, नहीं चलेगा!”
उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज के दबे-कुचले वर्गों को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
जगदेव प्रसाद: क्रांति के अग्रदूत
कार्यक्रम में झारखंड कुशवाहा महासभा के कोषाध्यक्ष इंद्रभूषण कुशवाहा ने कहा कि जगदेव प्रसाद क्रांति के अग्रदूत थे। उन्होंने समाज में बदलाव लाने के लिए संघर्ष किया और अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण अत्याचारियों ने उनकी हत्या कर दी। लेकिन उनकी कुर्बानी बेकार नहीं गई, क्योंकि आज देश के कई राज्यों में दलित और पिछड़े समाज के लोग मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य बड़े पदों तक पहुंच रहे हैं।
कार्यक्रम में शामिल गणमान्य लोग
इस आयोजन में बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:
जितेंद्र प्रसाद
अनिल कुमार प्रसाद
इंद्रजीत प्रसाद
रामजी कुशवाहा
अरुण कुशवाहा
रमेश कुशवाहा
राजकुमार कुशवाहा
उमेश कुशवाहा
यशपाल सिंह कुशवाहा
सभी वक्ताओं ने एक स्वर में जगदेव प्रसाद के विचारों को आगे बढ़ाने और उनके अधूरे सपनों को साकार करने की प्रतिबद्धता जताई।
समारोह का उद्देश्य और भविष्य की रणनीति
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और वंचित वर्गों को जागरूक करना और उन्हें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करना। जगदेव जागरण रथ की यह यात्रा बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों में जाकर समाज के दबे-कुचले वर्गों को एकजुट करने का काम कर रही है।
धनबाद में आयोजित यह कार्यक्रम शोषितों के अधिकारों के प्रति एक नई ऊर्जा लेकर आया। जगदेव प्रसाद के विचारों को आगे बढ़ाने और सामाजिक क्रांति को जारी रखने का संकल्प लिया गया। जागरण रथ अब अपने अगले पड़ाव की ओर बढ़ चुका है, लेकिन धनबाद में इसकी गूंज और जागरूकता की लहर लंबे समय तक बनी रहेगी।