बीसीसीएल से स्थानीय अप्रेंटिस युवाओं को रोजगार देने की मांग तेज़: मयूर शेखर झा का बड़ा बयान
धनबाद, झारखंड – राज्य में बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे युवाओं की आवाज़ एक बार फिर बुलंद हुई है। इस बार भाजपा नेता मयूर शेखर झा ने बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) से स्पष्ट मांग की है कि कंपनी स्थानीय अप्रेंटिसशिप पूरी कर चुके युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर स्थायी रोजगार दे।
शनिवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में मयूर शेखर झा ने कहा कि झारखंड के प्रशिक्षित युवाओं को लंबे समय से अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने बीसीसीएल प्रबंधन से आग्रह किया कि वह स्थानीय युवाओं को स्थायी नौकरी देने के लिए एक स्पष्ट और पारदर्शी नीति बनाए। झा ने कहा, “जब हमारे अपने युवा तकनीकी रूप से दक्ष हैं और अप्रेंटिसशिप पूरी कर चुके हैं, तो फिर बाहरी राज्यों से युवाओं को लाकर अप्रेंटिस बनाने का क्या औचित्य है?”
बोकारो हादसे का जिक्र, दिया चेतावनी का संकेत
मयूर शेखर झा ने हाल ही में बोकारो में हुई एक दुखद घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि बीसीसीएल को उस जैसी त्रासदी का इंतजार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक अप्रेंटिस युवक की मौत ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। “क्या रोजगार पाने का रास्ता अब मौत बन गया है?” उन्होंने भावुक होते हुए सवाल किया।
उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ युवा वर्ग के मनोबल को तोड़ती हैं, बल्कि शासन और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर भी नाराजगी जताई और कहा कि जनता ने उन्हें जनहित के कार्यों के लिए चुना है, न कि मूकदर्शक बने रहने के लिए।
स्थानीय युवाओं को मिले ‘पहला हक’
प्रेस वार्ता में मयूर शेखर झा ने स्पष्ट कहा कि बीसीसीएल में काम करने का पहला हक उन स्थानीय युवाओं का है जिन्होंने तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त किया है और जिन्हें कंपनी के वातावरण की पूरी जानकारी है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे युवाओं को नौकरी के लिए किसी सिफारिश या मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
“बीसीसीएल की संपत्ति पर पहला हक धनबाद, गिरिडीह, बोकारो जैसे कोल बेल्ट के युवाओं का है। यदि इनको नजरअंदाज किया गया, तो यह सिर्फ अन्याय ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय असंतोष को भी जन्म देगा,” झा ने चेतावनी दी।
नीति निर्माण की मांग दोहराई
अपने वक्तव्य के अंत में मयूर शेखर झा ने एक बार फिर यह मांग दोहराई कि बीसीसीएल तत्काल एक स्पष्ट, पारदर्शी और प्रभावी नीति बनाकर यह सुनिश्चित करे कि स्थानीय अप्रेंटिस युवाओं को प्राथमिकता के साथ रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि यह न केवल न्याय की बात है, बल्कि सामाजिक स्थिरता और क्षेत्रीय विकास के लिए भी आवश्यक है।
झारखंड में लगातार उभरते स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दे, बेरोजगारी और अप्रेंटिस युवाओं की अनदेखी जैसे सवाल अब धीरे-धीरे राजनीतिक स्वरूप ले रहे हैं। मयूर शेखर झा की इस मांग ने न सिर्फ बीसीसीएल बल्कि पूरे राज्य की शासन व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – क्या राज्य के अपने युवाओं को ही उनके भविष्य से वंचित किया जाएगा?
अब देखना यह होगा कि बीसीसीएल और सरकार इस मसले पर क्या रुख अपनाते हैं।