चार दिवसीय दौरे पर 23 अगस्त को आएंगी कोयला मंत्रालय की अपर सचिव रूपिंदर बरार, झारिया मास्टर प्लान की प्रगति का लेंगी जायजा
KANHAIYA KUMAR/DHANBAD
धनबाद (झारखंड) :- देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक क्षेत्रों में शुमार झारखंड के धनबाद जिले को लेकर केंद्र सरकार एक बार फिर गंभीरता दिखाने जा रही है। कोयला मंत्रालय की अपर सचिव रूपिंदर बरार 23 अगस्त को चार दिवसीय दौरे पर धनबाद पहुंच रही हैं। उनके इस दौरे का उद्देश्य बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) और झरिया मास्टर प्लान के अंतर्गत चल रही विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना है।
यह पहला मौका होगा जब रूपिंदर बरार धनबाद आ रही हैं। उनके आगमन को लेकर जिला प्रशासन, बीसीसीएल, जेआरडीए (झारखंड रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी) और अन्य संबंधित विभागों में तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, उनके चार दिवसीय प्रवास के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकें, स्थल निरीक्षण और समीक्षा गतिविधियां प्रस्तावित हैं। इससे झरिया कोयलांचल क्षेत्र में विकास योजनाओं और विस्थापन प्रक्रिया को लेकर नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद की जा रही है।
झरिया मास्टर प्लान की बनेगी तस्वीर साफ
झरिया कोलफील्ड क्षेत्र वर्षों से भूमिगत कोयला आग, भूमि धंसान और अनियोजित बस्तियों की वजह से संकटग्रस्त रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी थी, जिसके तहत प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, खतरनाक क्षेत्रों से लोगों को हटाने, पर्यावरण सुधार और आधारभूत संरचनाओं के निर्माण जैसे कार्य किए जाने हैं। अब जबकि इस योजना को स्वीकृति मिल चुकी है, उसके धरातल पर उतरने की प्रक्रिया को मजबूती देने के लिए ही यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
रूपिंदर बरार इस दौरे में झरिया मास्टर प्लान के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगी। वे बीसीसीएल, जिला प्रशासन और जेआरडीए के अधिकारियों के साथ बैठक कर अब तक की प्रगति की ऑनलाइन रिपोर्ट लेंगी। बताया जा रहा है कि कोयला मंत्रालय इस बार किसी भी तरह की शिथिलता को बर्दाश्त नहीं करेगा और योजनाओं को तय समयसीमा में पूर्ण करवाने पर जोर दिया जाएगा।
बेलगड़िया पुनर्वास स्थल का करेंगी निरीक्षण
अपने दौरे के दौरान रूपिंदर बरार झरिया विस्थापन योजना के तहत बनाए गए बेलगड़िया पुनर्वास स्थल का दौरा भी करेंगी। यह स्थल झरिया अग्नि क्षेत्र से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए तैयार किया गया है। यहां कुछ सैकड़ों परिवारों को पहले ही बसाया जा चुका है, जबकि अन्य कई परिवारों का स्थानांतरण बाकी है। बरार यहां की अवस्थिति, मूलभूत सुविधाओं, लोगों की समस्याओं और सरकार द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन करेंगी। वे यहां रह रहे लोगों से सीधे संवाद कर जमीनी हकीकत से रूबरू होंगी।
अग्निप्रभावित क्षेत्रों का दौरा और प्रभावितों से मुलाकात
रूपिंदर बरार के दौरे का एक अहम हिस्सा झरिया के फायर एरिया का निरीक्षण भी होगा। धनबाद का झरिया क्षेत्र वर्षों से भूमिगत कोयला अग्नि की चपेट में है, जिससे हजारों परिवार प्रभावित हो चुके हैं। वे इन क्षेत्रों का भौतिक निरीक्षण करेंगी, वहां की स्थिति देख कर अपने स्तर पर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेंगी। इस दौरान वे प्रभावित परिवारों से भी मिलेंगी और उनके पुनर्वास, रोजगार और सहायता से जुड़ी जरूरतों को समझेंगी।
उच्च स्तरीय बैठकें और विभागीय समन्वय
रूपिंदर बरार की इस यात्रा के दौरान बीसीसीएल, जिला प्रशासन, जेआरडीए, नगर निगम सहित अन्य संबंधित विभागों के साथ कई दौर की उच्चस्तरीय बैठकें भी आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में झरिया मास्टर प्लान, पुनर्वास, पर्यावरणीय सुरक्षा, कोयला उत्पादन, अवैध खनन पर रोकथाम, और जनता से जुड़ी समस्याओं पर व्यापक चर्चा होगी।
विशेष रूप से इन बैठकों में मास्टर प्लान में हो रही देरी, अड़चनें और समाधान के उपायों पर फोकस किया जाएगा। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि झरिया का पुनर्विकास कार्य ठोस धरातल पर उतर सके और कोयला उत्पादन के साथ-साथ वहां की आम जनता को भी सुरक्षित और बेहतर जीवन मिल सके।
प्रशासन ने शुरू की तैयारियां
रूपिंदर बरार के दौरे को लेकर धनबाद जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। उपायुक्त कार्यालय से लेकर बीसीसीएल मुख्यालय और जेआरडीए तक सभी विभागों को अलर्ट कर दिया गया है। स्थल निरीक्षण से लेकर बैठक स्थल, रिपोर्ट संकलन और लोगों की प्रतिक्रिया दर्ज करने तक की पूरी रूपरेखा तैयार की जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने विभाग से जुड़ी सारी योजनाओं और आंकड़ों को अद्यतन रखें ताकि बैठक के दौरान कोई भ्रम या असमंजस की स्थिति उत्पन्न न हो।
झरिया की जनता में जगी उम्मीद
झरिया मास्टर प्लान को लेकर वर्षों से चली आ रही सुस्ती और विवादों के बीच अपर सचिव के इस दौरे को लेकर स्थानीय जनता में एक नई उम्मीद जगी है। लोगों को लग रहा है कि केंद्र सरकार की इस पहल से अब वाकई में झरिया की स्थिति में बदलाव आ सकता है। खासकर वे हजारों परिवार जो आज भी कोयला धधकते इलाकों में जीवन गुजार रहे हैं, उन्हें सुरक्षित और बेहतर जीवन देने की प्रक्रिया अब गति पकड़ेगी।
कोयला मंत्रालय की अपर सचिव रूपिंदर बरार का धनबाद दौरा न सिर्फ प्रशासनिक और परियोजना संबंधी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि केंद्र सरकार अब झरिया की समस्याओं को लेकर ठोस निर्णय लेने के मूड में है। चार दिवसीय इस दौरे के दौरान लिए गए निर्णय, देखे गए स्थल और की गई समीक्षा आने वाले दिनों में झरिया को एक नई दिशा दे सकते हैं। यदि इन योजनाओं को समय पर लागू किया गया, तो न केवल झरिया क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि देश के ऊर्जा क्षेत्र को भी स्थिरता मिलेगी।