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बुजुर्गों संग भक्ति और आनंद का संगम : सम्बलपुर वृद्धा आश्रम में विश्वकर्मा पूजा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम

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KANHAIYA KUMAR/DHANBAD

धनबाद:- जिले के सम्बलपुर स्थित वृद्धा आश्रम में विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर मंगलवार को एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने न केवल आश्रम का वातावरण भक्तिमय बना दिया, बल्कि वहां रह रहे बुजुर्गों के चेहरों पर भी मुस्कान और उल्लास बिखेर दिया। भोजपुरी के लोकप्रिय गायक राजू सिंह अनुरागी ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से ऐसा समां बांधा कि पूरा आश्रम भक्ति रस में सराबोर हो गया।
कार्यक्रम की शुरुआत विश्वकर्मा पूजा के विधिवत अनुष्ठान से हुई। इसके बाद राजू सिंह अनुरागी और उनकी टीम ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए। उनकी मधुर आवाज़ में जब भक्ति गीत गूंजे तो आश्रम का माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। भजनों की लय पर बुजुर्ग न केवल झूम उठे बल्कि भक्ति की धारा में खो गए। लंबे समय बाद इस तरह का आयोजन बुजुर्गों के लिए एक नए उत्साह और उमंग का कारण बना।
आश्रम के व्यवस्थापक नौशाद गद्दी ने बताया कि यहां रह रहे बुजुर्ग भले ही अपने परिवार से दूर हैं, लेकिन उन्हें कभी इसका एहसास नहीं होने दिया जाता। उन्होंने कहा, “हम लोग हमेशा इनकी देखभाल एक परिवार की तरह करते हैं। समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि बुजुर्ग अकेलापन महसूस न करें। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि इन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो और वे सुकून भरा जीवन जी सकें।”

नौशाद गद्दी ने आगे कहा कि आश्रम का उद्देश्य केवल बुजुर्गों को रहने की सुविधा देना ही नहीं, बल्कि उन्हें मानसिक और सामाजिक रूप से भी मजबूत बनाना है। यही कारण है कि यहां धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं।

वहीं, गायक राजू सिंह अनुरागी ने भी इस अवसर पर अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा, “वृद्धा आश्रम आकर मन को एक अलग तरह की शांति मिलती है। खासकर यहां रह रहे बुजुर्गों के बीच भजन गाकर अपार आनंद की अनुभूति होती है। हमारी पूरी टीम समय-समय पर यहां आती रहेगी और अपने संगीत के माध्यम से इन बुजुर्गों के बीच खुशियां बांटने का प्रयास करती रहेगी।”

अनुरागी ने इसे अपने जीवन के सबसे यादगार अनुभवों में से एक बताया और कहा कि भक्ति गीतों की प्रस्तुति के दौरान बुजुर्गों की मुस्कान और उनके चेहरे पर दिख रही संतुष्टि ही उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया। आश्रम का वातावरण भक्ति गीतों की गूंज और तालियों की गड़गड़ाहट से देर तक सराबोर रहा। बुजुर्गों के चेहरों पर संतोष और खुशी झलक रही थी, मानो यह आयोजन उनके लिए परिवारिक मिलन जैसा हो।

सम्बलपुर वृद्धा आश्रम में आयोजित यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि उम्र चाहे कितनी भी हो, संगीत और भक्ति इंसान के जीवन में खुशियों की नई रोशनी भर सकते हैं। विश्वकर्मा पूजा के मौके पर हुआ यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण रहा, जिसने बुजुर्गों को अपनापन और स्नेह का एहसास कराया।

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