प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह की प्रेस कांफ्रेंस: बजट पर चर्चा और विकास योजनाओं पर जोर
छपरा(बिहार) : बिहार सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने आज छपरा सर्किट हाउस में केंद्रीय बजट 2024 को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस बजट में बिहार के चौमुखी विकास को प्राथमिकता दी गई है।
सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर कड़ा संदेश
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सुमित कुमार सिंह ने सांप्रदायिक सौहार्द की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम तिलक लगाते हैं तो टोपी का भी सम्मान करते हैं। कोई भी व्यक्ति या दल जो सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसे इसकी सजा मिलेगी।”
बिहार और सारण के लिए बजट में अहम प्रावधान
इस प्रेस वार्ता में बिहार प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इस बजट में बिहार को खास महत्व दिया गया है और सारण जिले को भी कई बड़ी सौगातें मिली हैं।
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट: सारण में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए करोड़ों रुपए का निवेश किया गया है।
बड़े पैमाने पर निवेश: जिले में हजारों करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई गई है, जिससे विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
छपरा-मुजफ्फरपुर बड़ी रेल लाइन का मुद्दा उठा
जब सारण जिले की स्थानीय समस्याओं पर सवाल किया गया, तो मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि वे इस पर ध्यान देंगे। छपरा-मुजफ्फरपुर बड़ी रेल लाइन की लंबे समय से अटकी हुई परियोजना को लेकर भी सवाल उठे।
इस परियोजना की घोषणा 2007 में हुई थी, लेकिन पिछले दो रेल बजट में इसके लिए कोई फंड नहीं दिया गया है।
मंत्री ने माना कि अब सड़कों की स्थिति काफी अच्छी हो गई है, इसलिए इस परियोजना की प्राथमिकता पर दोबारा विचार किया जाएगा।
एनडीए के सभी घटक दलों के नेता रहे मौजूद
इस प्रेस कांफ्रेंस में एनडीए गठबंधन के सभी घटक दलों के जिला अध्यक्ष, पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
क्या कहती है राजनीतिक तस्वीर?
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले यह प्रेस कांफ्रेंस सियासी रणनीति को मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
सारण को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट और बड़े निवेश की सौगात देने की बात, भाजपा का विकास-आधारित राजनीति पर फोकस दिखाता है।
वहीं, छपरा-मुजफ्फरपुर रेल परियोजना की अनदेखी से सरकार की प्राथमिकताओं को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं।
आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर स्थानीय जनता और विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।