कांग्रेस पार्टी को लगा बड़ा झटका,कांग्रेस नेता रोहित यादव ने बाघमारा से भरा पर्चा, निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव
KANHAIYA KUMAR /DHANBAD
धनबाद / बाघमारा. कांग्रेस के नेता रोहित यादव की नाराजगी अब खुलकर सामने आ चुकी है। पिछले चुनावी अभियान में सक्रिय और जनता में मजबूत पकड़ बनाने वाले रोहित यादव को कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से उनके मन में गहरी नाराजगी थी जो अब पार्टी के लिए बड़ा सिरदर्द बनती दिख रही है।टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस से नाराज चल रहे कांग्रेस नेता सह व्यवसायी रोहित यादव ने आखिरकार निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लेते हुए बाघमारा विधानसभा से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. बता दें कि कांग्रेस के टिकट पर बाघमारा विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों में एक नाम रोहित यादव का भी था. कांग्रेस पार्टी ने बाघमारा विधानसभा से जलेश्वर महतो को प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतारा है. ऐसे में रोहित यादव के अब चुनाव में उतरने से कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है.
रायशुमारी में हुई थी दोनों के समर्थकों में भिड़ंत
रोहित यादव लोकसभा चुनाव से ही बाघमारा विधानसभा से विधायक चुनाव की तैयारी में जुट चुके थे.कांग्रेस पार्टी ने उनके बजाय टिकट देकर जलेश्वर महतो को प्रत्याशी घोषित करने पर रोहित यादव ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का निर्णय कर लिया. प्रदेश नेतृत्व के द्वारा प्रत्याशी के चयन में की गई रायशुमारी के दौरान जलेश्वर महतो के समर्थक और रोहित यादव के समर्थकों के बीच भिड़ंत भी हुई थी.
नाराज रोहित यादव को मनाने जलेश्वर महतो पहुंचे उनके आवास
कांग्रेस प्रत्याशी जलेश्वर महतो ने रविवार को कतरास एवं बाघमारा में जनसंपर्क अभियान के दौरान अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस नेता रोहित यादव के आवास पहुंचे। हालांकि रोहित यादव के घर पर नहीं रहने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे रोहित यादव को मनाने पहुंचे थे.यादव से मुलाकात न हो पाने के कारण महतो और उनके साथ गए कार्यकर्ता निराश होकर लौट गए।
आरजेडी छोड़ रोहित ने थामा था कांग्रेस का दामन
रोहित यादव धनबाद के बाघमारा प्रखंड में सक्रिय आरजेडी के प्रखंड अध्यक्ष थे.आरजेडी छोड़ उन्होंने विधिवत रूप से धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय में जिला अध्यक्ष संतोष सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस का दामन थामा था.रोहित यादव के कांग्रेस में शामिल होने से बाघमारा आरजेडी को बड़ा झटका भी लगा.रोहित यादव को उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें टिकट देकर विधायक चुनाव लड़ाएगी.रोहित यादव ने पिछले पांच महीनों में कांग्रेस में इतनी सक्रियता दिखाई की जनता के बीच उनका प्रभाव तेजी से बढ़ा। राष्ट्रीय जनता दल से कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने पार्टी के समर्थन में जितना काम किया, उतना आमतौर पर वर्षों में होता है। लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज करते हुए टिकट नहीं दिया। ऐसी परिस्थिति में उनकी नाराजगी स्वाभाविक है।
रोहित यादव एक सफल व्यवसायी
रोहित यादव मुलरूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिला के मोहम्दाबाद गोहना के रहनेवाले हैं. आज धनबाद में उनकी गिनती एक सफल व्यवसायी में होती है.
भाजपा की जीत की राहे हुईं आसान
रोहित यादव के चुनाव मैदान में उतरने से इसका सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी शत्रुघ्न महतो को मिल सकता है. ऐसे में शत्रुघ्न महतो की जीत की राहे आसान मानी जा रही हैं.बाघमारा में कांग्रेस के समर्थक बने रहने वाले नेता और कार्यकर्ता, जो पिछले 15-25 वर्षों से पार्टी का झंडा बुलंद कर रहे हैं, इस घटना से असमंजस में हैं। यदि यह असंतोष और गहराई है, तो पार्टी में विभाजित स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे निश्चित रूप से भाजपा को लाभ मिलेगा। कांग्रेस ने जिस आधार पर रोहित यादव को टिकट नहीं दिया, वह भी पक्के में हैं। यादव का क्षेत्र में अच्छा जनाधार माना जाता है।