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डिजिटल बदलाव और सतत विकास पर वैश्विक मंथन: IIT (ISM) धनबाद में अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन

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KANHAIYA KUMAR/DHANBAD

IIT (ISM) धनबाद में अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस – डिजिटल परिवर्तन और विकसित भारत @2047 की दिशा में बड़ा कदम
धनबाद:-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनि विद्यापीठ), धनबाद एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान को सशक्त बनाने की दिशा में अग्रसर है। आगामी 5 और 6 जुलाई को संस्थान एक भव्य और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने जा रहा है, जिसका विषय है —
“डिजिटल टेक्नोलॉजीज फॉर बिजनेस एक्सीलेंस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट एवं विकसित भारत @2047” (ICDTBESDVB 2025)।

इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य डिजिटल क्रांति और सतत विकास के क्षेत्रों में वैश्विक अनुभवों, विचारों और अनुसंधानों को साझा करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। इस आयोजन के जरिए IIT (ISM) धनबाद यह दर्शा रहा है कि वह तकनीकी नवाचार, नीति निर्माण और वैश्विक संवाद का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है।

विकसित भारत @2047 की दिशा में ठोस विमर्श

भारत सरकार का ‘विकसित भारत @2047’ विजन केवल एक संकल्प नहीं, बल्कि एक विस्तृत रोडमैप है, जो यह दर्शाता है कि आने वाले वर्षों में भारत एक वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में कैसे आगे बढ़ेगा। इस दृष्टिकोण को मूर्त रूप देने में डिजिटल तकनीकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है — यही इस कॉन्फ्रेंस का केंद्रीय फोकस है।

कॉन्फ्रेंस में डिजिटल बदलाव, उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता, और सामाजिक-आर्थिक स्थिरता जैसे विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी। कुछ प्रमुख सत्र निम्नलिखित विषयों पर केंद्रित होंगे:

मार्केटिंग और वित्तीय प्रबंधन

मानव संसाधन और संचालन प्रबंधन

बिजनेस एनालिटिक्स और सूचना प्रणाली

ऊर्जा प्रबंधन और औद्योगिक इंजीनियरिंग

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग

इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी

स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट

इन सभी विषयों का सीधा संबंध डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और ग्रीन इंडिया जैसे राष्ट्रीय अभियानों से जुड़ा हुआ है।

वैश्विक मंच पर भारत की गूंज: अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं की भागीदारी

कॉन्फ्रेंस की एक विशेष बात इसकी वैश्विक भागीदारी है। अमेरिका, फ्रांस, यूके, नॉर्वे, यूएई, पोलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से ख्यातिनाम शिक्षाविद एवं विशेषज्ञ इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रमुख वक्ताओं की सूची में शामिल हैं:

प्रो. मागेश चंद्रमौली (पर्ड्यू यूनिवर्सिटी, अमेरिका) – डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में अग्रणी शोधकर्ता।

प्रो. संजय मिश्रा और प्रो. अजित कुमार वर्मा (नॉर्वे) – रिस्क मैनेजमेंट और सिस्टम्स इंजीनियरिंग में प्रसिद्ध नाम।

प्रो. पियरे रिने मारेशल और प्रो. सिरिल फॉरपॉन (फ्रांस) – ब्लॉकचेन और इनोवेटिव बिजनेस मॉडल्स के विशेषज्ञ।

डॉ. सुगम शर्मा, डॉ. विजयमण सुगुमारन, डॉ. रितु शांडिल्य (अमेरिका) – डेटा साइंस और डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में कार्यरत।

प्रो. उषा रमणाथन (यूएई), प्रो. गर्हार्ड-विल्हेम वेबर (पोलैंड), प्रो. गोपीनाथ चट्टोपाध्याय (ऑस्ट्रेलिया) – तकनीकी नवाचारों में वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली योगदानकर्ता।

इनकी उपस्थिति न केवल कॉन्फ्रेंस को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि भारत के तकनीकी संस्थान अब वैश्विक शोध नेटवर्क का हिस्सा बनते जा रहे हैं।

भारतीय शिक्षाविदों की मजबूत उपस्थिति

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ-साथ भारत के प्रमुख संस्थानों के शिक्षाविदों की भागीदारी इस सम्मेलन को और भी उल्लेखनीय बनाती है। जिन प्रमुख भारतीय वक्ताओं की पुष्टि हुई है, उनमें शामिल हैं:

डॉ. कोंगा गोपीकृष्ण (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय) – नीति निर्माण में अग्रणी भूमिका।

प्रो. संगीता साहनी (IIT खड़गपुर), प्रो. रूपेश पाटी (IIM कोझिकोड) – बिजनेस एनालिटिक्स और रणनीतिक प्रबंधन में विशेषज्ञता।

प्रो. भबा कृष्ण महांती (IIM लखनऊ), प्रो. मेघा शर्मा (IIM कलकत्ता) – संचालन प्रबंधन और लीडरशिप पर केंद्रित कार्य।

प्रो. मनोज के. तिवारी (IIM मुंबई), प्रो. रघु नंदन सेनगुप्ता (IIT कानपुर) – डेटा विज्ञान और निर्णय विश्लेषण के विशेषज्ञ।

प्रो. शलभ भटनागर (IISc बैंगलोर), प्रो. शशिकांत मिश्रा (BHU) – नवाचार और तकनीकी नीति में अग्रणी।

प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप – 4 जुलाई को होगा तकनीकी संवाद

कॉन्फ्रेंस से एक दिन पहले, 4 जुलाई को एक विशेष प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। इस वर्कशॉप का उद्देश्य प्रतिभागियों को वैश्विक विशेषज्ञों से तकनीकी प्रशिक्षण और प्रत्यक्ष संवाद का अवसर देना है। युवा शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए यह एक स्वर्णिम अवसर होगा, जिससे उन्हें नए विचार, दृष्टिकोण और शोध दिशा प्राप्त होगी।

आयोजन समिति: नेतृत्व और समर्पण का परिचय

कॉन्फ्रेंस का आयोजन प्रबंधन अध्ययन एवं औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। आयोजन समिति के सदस्य हैं:

संयोजक: डॉ. रश्मि सिंह

अध्यक्ष (आयोजन समन्वय): प्रो. संदीप मंडल

सह-संयोजक: प्रो. नीलाद्रि दास

आयोजन सचिव: प्रो. ईशा साहा

कोषाध्यक्ष: प्रो. आमना खान

डॉ. रश्मि सिंह ने कहा – “यह कार्यक्रम ज्ञान, नवाचार और वैश्विक सहयोग को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। हम सभी सहभागियों का स्वागत करते हैं जो इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से परिवर्तन के वाहक बनेंगे।”

IIT (ISM) धनबाद: नवाचार, सहयोग और भविष्य निर्माण का केंद्र

यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केवल एक शैक्षणिक आयोजन नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है — जो भारत को डिजिटल युग में नेतृत्व प्रदान करने के लिए आवश्यक संवाद, शोध और नीति निर्माण को बढ़ावा देता है।

इस आयोजन के माध्यम से IIT (ISM) धनबाद न केवल डिजिटल बदलाव और सतत विकास के वैश्विक विमर्श में हिस्सेदारी करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा, उद्योग और नीति निर्माण के बीच एक मजबूत सेतु बने – ताकि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में वैश्विक मंच पर सशक्त उपस्थिति दर्ज करा सके।

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