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धनबाद से विशेष रिपोर्ट: ‘सितारे ज़मीन पर’ – जब मिट्टी बोली और दिल ने कहानी कह दी

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धनबाद: तकरीबन एक दशक बाद बॉलीवुड एक बार फिर उस जादू को महसूस कर रहा है, जिसने पहले भी दर्शकों का दिल छुआ था। फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ के जरिए अभिनेता आमिर खान और एनिमेशन के जादूगर धिमंत व्यास एक बार फिर साथ आए हैं। इस फिल्म का टायटल सिक्वेंस, जो कि क्ले (मिट्टी) एनिमेशन में तैयार किया गया है, न केवल तकनीक का अद्भुत नमूना है बल्कि भावनाओं की गहराई से भी जुड़ा हुआ है।

‘तारे ज़मीन पर’ से ‘सितारे ज़मीन पर’ तक का सफर

2007 में आई फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ में आमिर और धिमंत की जोड़ी ने बच्चों की दुनिया को जिस संजीदगी से पेश किया था, उसने सिनेमा की परिभाषा बदल दी थी। अब लगभग 11 साल बाद, ‘सितारे ज़मीन पर’ उसी आत्मा और संवेदना को और ज्यादा व्यापक स्वरूप में लेकर लौट रही है।

धिमंत व्यास कहते हैं, “आमिर खान के साथ काम करना सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक सपना होता है। ‘तारे ज़मीन पर’ के बाद, ‘सितारे ज़मीन पर’ के लिए हमने फिर से मिट्टी से जादू रचा है।”

क्ले एनिमेशन में छुपा है जज़्बातों का संसार

फिल्म का टायटल सिक्वेंस स्टॉप मोशन टेक्नीक से तैयार किया गया है और इसे हिंदी, तमिल, तेलुगू, उर्दू और अंग्रेज़ी – कुल पांच भाषाओं में प्रस्तुत किया गया है। यह वो प्रक्रिया है जिसमें हर फ्रेम को अलग-अलग शूट किया जाता है, और फिर उन्हें जोड़कर मूवमेंट में बदला जाता है।

एक दिलचस्प जानकारी देते हुए धिमंत ने बताया कि एक बास्केटबॉल नेट को टायटल में बदलने के लिए 70-80 अलग-अलग शेप्स में बनाया गया। कुछ फ्रेम्स को तैयार करने में 90 मिनट तक लग जाते थे, लेकिन जब वो स्क्रीन पर उभरते थे, तो सारी मेहनत सफल लगती थी।

जब परिवार बना क्रिएटिव टीम

इस बार प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह रही कि धिमंत की पत्नी हीना और बेटी काव्या ने भी इस टायटल सिक्वेंस में अहम भूमिका निभाई। दोनों ने क्ले मॉडलिंग की जिम्मेदारी संभाली, जबकि धिमंत ने उन्हें एनिमेट किया। “ये सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, ये हमारा फैमिली ड्रीम प्रोजेक्ट बन गया था,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।

तीसरी बार आमिर-धिमंत का जादू

यह आमिर खान और धिमंत व्यास की तीसरी रचनात्मक साझेदारी है। पहली बार दोनों ने ‘लगान’ की कलेक्टिबल डीवीडी के लिए कैरिकेचर आर्ट में साथ काम किया था। फिर ‘तारे ज़मीन पर’ के टायटल सिक्वेंस में जादू रचा और अब ‘सितारे ज़मीन पर’ के जरिए वो जादू और भी गहराई से दर्शकों के सामने पेश किया गया है।

निर्देशक आर.एस. प्रसन्ना और आमिर खान के साझा विज़न को मूर्त रूप देने के लिए धिमंत की यह कला न सिर्फ तकनीकी रूप से सशक्त है, बल्कि भावनात्मक तौर पर भी गहराई लिए हुए है।

जल्द दर्शकों के सामने होगा भावनाओं का संसार

‘सितारे ज़मीन पर’ का यह टायटल सिक्वेंस जल्द ही दर्शकों को उस दुनिया में ले जाएगा जहां हर फ्रेम एक कविता है और हर मूवमेंट एक सपना। यह सिर्फ एक एनिमेटेड टायटल नहीं, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा है — जहां मिट्टी से बनी कल्पना, बच्चों की मासूमियत और कलाकारों की मेहनत मिलकर एक अद्वितीय अनुभव रचती है।

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