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बंगाल की खाड़ी में बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वज्रपात और तेज हवा के आसार

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रांची: राज्यभर में मौसम ने करवट लेनी शुरू कर दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव को देखते हुए झारखंड के कई जिलों, खासकर रांची, खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा और गुमला में यलो अलर्ट जारी किया है।

तेज हवा और वज्रपात की चेतावनी
मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के भीतर राज्य के कई हिस्सों में तेज हवाएं (30–40 किमी/घंटा) चलने की संभावना है, साथ ही वज्रपात और हल्की से मध्यम बारिश भी हो सकती है। किसानों और आम लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।

बंगाल की खाड़ी में बन रहा है निम्न दबाव क्षेत्र
विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बनने वाला निम्न दबाव क्षेत्र आगे चलकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए मौसम विभाग लगातार निगरानी कर रहा है। इसके असर से झारखंड के दक्षिणी और मध्य भागों में मौसम में तेजी से बदलाव देखा जा सकता है।

क्या है यलो अलर्ट?
यलो अलर्ट का मतलब है कि मौसम की स्थिति सामान्य से अलग हो सकती है और सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस दौरान बिजली गिरने, पेड़ों के गिरने, यातायात में बाधा और खुले स्थानों पर खतरे की आशंका होती है।

जनता और प्रशासन को सावधान रहने की सलाह
मौसम विभाग ने राज्य प्रशासन को सतर्क किया है और आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। आम नागरिकों को सलाह दी गई है कि बिजली गिरने की आशंका के समय खुले स्थानों, पेड़ों के नीचे और मोबाइल फोन के उपयोग से बचें।

किसानों के लिए विशेष चेतावनी
खेतों में काम कर रहे किसानों को बारिश और वज्रपात के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। फसलों की कटाई या अन्य कार्यों को मौसम की स्थिति देखकर करने की बात कही गई है।

रांची और आसपास के जिलों में मौसम के मिजाज में यह बदलाव अचानक तो नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव को लेकर सतर्कता बरतना ज़रूरी है। मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि जन-धन की हानि से बचा जा सके।

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