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11,000 वोल्ट का तार गिरने से भीषण आग, आधे दर्जन से अधिक घर जलकर राख

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सीतामढ़ी (बिहार):- ज़िले के पुपरी थाना क्षेत्र के रामनगर बेदौल गांव वार्ड नंबर 7 में मंगलवार देर रात बिजली के 11,000 वोल्ट की जर्जर तार टूटकर गिरने से भीषण आग लग गई। इस हादसे में छह परिवारों के 10 घर जलकर राख हो गए, जिससे लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ। स्थानीय लोगों के अनुसार, आग इतनी भयावह थी कि कुछ ही समय में पूरा इलाका जलकर खाक हो गया।

मिली जानकारी के अनुसार, रामनगर बेदौल गांव में बिजली के पुराने और जर्जर तार लंबे समय से लटक रहे थे। अचानक मंगलवार देर रात 11000 वोल्ट का हाई-वोल्टेज तार टूटकर घरों पर गिर गया, जिससे आग तेजी से फैल गई और देखते ही देखते छह परिवारों के आशियाने जलकर खाक हो गए।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस अगलगी में सभी घरों में रखा सामान, खाद्यान्न, कपड़े, जेवरात, और कीमती सामान पूरी तरह जलकर नष्ट हो गए। इतना ही नहीं, आग की चपेट में आने से आठ मवेशियों की भी मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर बकरियां थीं। पीड़ित परिवारों के अनुसार, वे अब पूरी तरह बेसहारा हो चुके हैं।

लाखों की संपत्ति का नुकसान

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, आग से 10 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति जलकर राख हो गई। पीड़ितों ने बताया कि घर में रखा सारा अनाज, ज़रूरी दस्तावेज, बिस्तर, कपड़े और नकदी भी जल गए। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने पूरे जीवन की कमाई से ये संपत्ति बनाई थी, लेकिन कुछ ही पलों में सबकुछ खत्म हो गया।

ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मुआवजे की मांग की

घटना की सूचना मिलते ही पंचायत के मुखिया शंभू राय और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। मुखिया ने इसे विद्युत विभाग की घोर लापरवाही बताया और कहा कि विभाग की लापरवाही से ही यह घटना घटी है। उन्होंने मांग की कि विद्युत विभाग पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दे और जर्जर तारों को जल्द से जल्द बदला जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

प्रशासन की ओर से राहत और सहायता का आश्वासन

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास किया। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।

इस घटना ने इलाके में दहशत और आक्रोश फैला दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बिजली विभाग समय रहते जर्जर तारों को बदलने का काम करता, तो यह भयानक घटना टल सकती थी। अब प्रभावित परिवारों को सरकार और प्रशासन से मुआवजे की उम्मीद है, ताकि वे दोबारा अपने घरों को बसा सकें।

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