54 घंटे की कठिन यात्रा, 54 फीट का प्रतीक कांवड़: आस्था की मिसाल बना पटना का जत्था
पटना सिटी/देवघर, 17 जुलाई 2025:
श्रावणी मेला के पावन अवसर पर इस बार पटना सिटी से 500 से अधिक श्रद्धालु भव्य और विशेष 54 फीट लंबे कांवड़ को लेकर झूमते-गाते अजगैबीनाथ धाम से बाबा बैधनाथ धाम की ओर रवाना हो गए हैं। इस विशाल और आकर्षक कांवड़ को विशाल शिवधारी संघ, पटना द्वारा तैयार किया गया है, जो साल 2008 से यह धार्मिक यात्रा अनवरत कर रहा है।
🌺 भक्ति और भव्यता का संगम: 54 फीट का कांवड़
इस विशेष कांवड़ की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह न केवल लंबाई में 54 फीट है, बल्कि इसमें 54 किलो चांदी का प्रयोग किया गया है। कांवड़ पर बना बाबा बैधनाथ मंदिर और महागौरी मंदिर भी चांदी से निर्मित है, जो श्रद्धालुओं की भक्ति के साथ-साथ कला और भव्यता का भी प्रतीक बन चुका है।
🔔 54 घंटे में तय होती है यात्रा, 54 फीट की प्रतीकात्मकता
श्रद्धालुओं ने बताया कि अजगैबीनाथ से बैधनाथ धाम की यह कठिन यात्रा लगभग 54 घंटे में पूरी की जाती है। इतना ही नहीं, बैधनाथ धाम में बाबा बैधनाथ और महागौरी मंदिरों के बीच की दूरी भी 54 फीट है, जिसे ध्यान में रखते हुए ही कांवड़ की लंबाई तय की गई है।
🙏 भक्ति में लीन, ढोल-मंजीरा पर नाचते श्रद्धालु
यात्रा की शुरुआत में ही पूरे रास्ते में ढोल, मंजीरा, नगाड़े और बोलबम के जयघोष से माहौल भक्तिमय हो गया। आगे-आगे कांवड़ और पीछे-पीछे श्रद्धालुओं की लंबी कतार – हर कोई बाबा भोलेनाथ के नाम में लीन, नाचते-गाते, थिरकते हुए बढ़ते जा रहे हैं।
🕉️ “बोलबम! हर हर महादेव!” से गूंज उठा माहौल
पटना के श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। “बोलबम! हर हर महादेव!” के नारों से रास्ता गूंज उठा है। श्रद्धालुओं ने बताया कि यह यात्रा उनके लिए केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि आस्था, समर्पण और विश्वास की जीवंत मिसाल है।
पटना के विशाल शिवधारी संघ के सदस्य वर्ष 2008 से लगातार हर वर्ष श्रावण माह में यह भव्य कांवड़ यात्रा निकालते हैं। यह यात्रा केवल भक्ति ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, परंपरा और सांस्कृतिक गौरव का अद्वितीय उदाहरण बन चुकी है।