आईआईटी-आईएसएम में 200 सुरक्षा गार्ड की सेवा समाप्ति पर बवाल, भारतीय मजदूर संघ ने उठाई आवाज
धनबाद। आईआईटी-आईएसएम में कार्यरत लगभग 200 सुरक्षा गार्डों को बिना किसी स्पष्ट कारण के सेवा से हटा दिया गया है, जिससे उनमें जबरदस्त आक्रोश है। इस मुद्दे को लेकर सुरक्षा प्रहरी कर्मचारी संघ एवं भारतीय मजदूर संघ के द्वारा विश्वकर्मा भवन कार्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
प्रेस वार्ता को संघ के महामंत्री प्रभात कुमार सिंह, भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री धर्मजीत चौधरी, और अध्यक्ष सुनील उरांव ने संयुक्त रूप से संबोधित किया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि आईआईटी-आईएसएम प्रबंधन की मौन सहमति से नई नियुक्त एजेंसी द्वारा गार्डों की छंटनी की गई है।
वर्षों से कार्यरत गार्डों को हटाया गया बिना कारण
वक्ताओं ने बताया कि ये सभी सुरक्षा गार्ड वर्षों से संस्थान में कार्यरत थे और बिना किसी चेतावनी या गलती के इन्हें हटाया गया। जब इस बारे में प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई तो प्रबंधन ने कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि संस्थान का प्रबंधन संवेदनशून्य और अमानवीय रवैया अपना रहा है।
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
संघ पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि इस छंटनी के पीछे संस्थान के ही कुछ अधिकारियों की सक्रिय भूमिका है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा गार्डों से वर्दी, नौकरी, पीएफ और ड्यूटी स्लीपिंग जैसे बहानों के नाम पर पैसे वसूले जाते थे। जब गार्डों ने संघ से जुड़कर इन शोषणों का विरोध किया, तो उन्हें निशाना बनाया गया।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि संस्थान में जाति और समुदाय के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है।
सुरक्षा पदाधिकारी पर गंभीर आरोप
प्रेस वार्ता में सुरक्षा पदाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए। बताया गया कि वह पिछले 10 वर्षों से पद पर जमे हैं, और उनके कार्यकाल में ही भ्रष्टाचार चरम पर है। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में भी गड़बड़ी की जा रही है, और यहां तक कि निरसा में खरीदी गई जमीन में भी आर्थिक भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें कुछ अन्य अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
सरकार से हस्तक्षेप की मांग
संघ के नेताओं ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से मांग की कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और सुरक्षा गार्डों को वापस काम पर रखा जाए। वक्ताओं ने कहा कि ये गार्ड बेहद गरीब तबके से आते हैं और उनकी रोज़ी-रोटी इस नौकरी पर निर्भर है। अचानक नौकरी से निकाले जाने के बाद उनके सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है।
प्रेस वार्ता में गोरख राम, मनोज कुमार, सुशील सिंह, देवनारायण शर्मा, रिजु कुमार, लालजीत भारती, रवि कुमार, दीपक ओझा सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित थे।