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धनबाद : रामकनाली खदान हादसे पर बाबूलाल मरांडी का बड़ा हमला, सरकार-प्रशासन और कोयला माफियाओं पर गंभीर आरोप

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धनबाद के सर्किट हाउस में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने रामकनाली खदान हादसे को लेकर सरकार और जिला प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने इस घटना को “प्राकृतिक आपदा” मानने से साफ इनकार करते हुए इसे “कृत्रिम आपदा” करार दिया और कहा कि हादसा पूरी तरह से लापरवाही और मिलीभगत का परिणाम है।

मरांडी ने कहा कि धनबाद जिले में खनन से जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और यह आम जनता की जिंदगी को सीधे-सीधे खतरे में डाल रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की उदासीनता के कारण कोयला माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और अवैध खनन बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है।

रामकनाली हादसे में सात लोगों की मौत का जिक्र करते हुए मरांडी ने कहा कि यह किसी भी दृष्टिकोण से प्राकृतिक आपदा नहीं है। उन्होंने इसे पूरी तरह से मानव-जनित आपदा बताया। उनके मुताबिक, जिस इलाके में हादसा हुआ वहां रहने वाले करीब 50 परिवार सालों से असुरक्षित स्थिति में जी रहे हैं। बावजूद इसके सरकार और जिला प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

मरांडी ने कहा कि अगर प्रशासन पहले ही संवेदनशील होकर कार्रवाई करता और वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करता, तो आज सात मासूम लोगों की जान नहीं जाती।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जिला प्रशासन और कोयला माफियाओं की मिलीभगत का खुलासा करते हुए कहा कि यह कहना मुश्किल हो गया है कि असली दोषी कौन है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की जानकारी और सुरक्षा-व्यवस्था के बावजूद अवैध खनन बड़े पैमाने पर जारी है।

मरांडी ने बताया कि स्थानीय लोगों से बातचीत में उन्हें जानकारी मिली कि प्रतिदिन 500 से 1000 तक ट्रक अवैध कोयला बाहर भेजे जाते हैं। इसके अलावा हाइवा ट्रकों से भी अवैध वसूली होती है। यह सब बिना जिला प्रशासन की जानकारी के संभव ही नहीं है।

उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में अवैध कोयला खनन और परिवहन कैसे हो रहा है? क्या जिला प्रशासन की आंखों के सामने यह सब नहीं हो रहा? या फिर प्रशासन खुद इसमें शामिल है?

प्रेस वार्ता में मरांडी ने कहा कि धनबाद जिले के लोग लगातार खतरे में जी रहे हैं। कोयला खदानों और अवैध खनन के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसके बावजूद सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही है।

उन्होंने कहा कि रामकनाली हादसा चेतावनी है कि अगर अभी भी सरकार और प्रशासन नहीं जागे तो आने वाले समय में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं। वहां रहने वाले परिवारों की जिंदगी हर वक्त खतरे में है।

मरांडी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हादसे में सात लोगों की मौत के बाद भी सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं दिख रही। उन्होंने कहा कि जिन 50 घरों के लोग जोखिम भरे इलाके में रह रहे हैं, उन्हें तत्काल सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करना चाहिए।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने इस दिशा में तुरंत कार्रवाई नहीं की तो भाजपा आने वाले दिनों में सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी।

मरांडी ने राज्य सरकार से मांग की कि वह अवैध खनन और कोयले की लूट पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए। उन्होंने कहा कि अगर प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक अवैध कोयला बाहर जा रहे हैं तो यह साफ संकेत है कि बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और सांठगांठ चल रही है।

उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे खनिज संपदा वाले राज्य में जनता का हित तभी सुरक्षित रह सकता है, जब अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगे और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो।

प्रेस वार्ता के अंत में बाबूलाल मरांडी ने साफ चेतावनी दी कि भाजपा चुप बैठने वाली नहीं है। अगर सरकार ने हादसे के पीड़ितों को न्याय नहीं दिया और अवैध खनन पर अंकुश लगाने की दिशा में कदम नहीं उठाया, तो भाजपा सड़क पर उतरेगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार लोगों को सुरक्षा, पारदर्शिता और न्याय देने में सक्षम नहीं हो जाती।

धनबाद के रामकनाली खदान हादसे को लेकर बाबूलाल मरांडी का हमला सरकार और प्रशासन दोनों के लिए एक बड़ा संदेश है। यह बयान केवल सात लोगों की मौत का दर्द ही नहीं दर्शाता, बल्कि उन सैकड़ों परिवारों की असुरक्षा को भी उजागर करता है जो रोजाना अवैध खनन के कारण मौत के साये में जी रहे हैं। मरांडी ने जिस तरह कोयला माफियाओं और प्रशासन की मिलीभगत पर सवाल उठाए, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा झारखंड की राजनीति में बड़ा रूप ले सकता है।

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