लाख कोशिशों के बावजूद नहीं थम रही निजी स्कूलों की मनमानी, रांची के निजी स्कूल पर गंभीर आरोप
रांची: शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल अगर मुनाफे का केंद्र बन जाएं, तो सबसे ज्यादा नुकसान उन बच्चों का होता है जिनका भविष्य इन संस्थाओं पर निर्भर करता है। रांची के कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल का यह मामला एक बार फिर से शिक्षा व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता की गंभीर जरूरत की ओर इशारा करता है। राजधानी रांची में निजी स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। ताज़ा मामला समलोंग स्थित कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल का है, जहां अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने, पारदर्शिता की कमी और संवादहीनता जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
अचानक फीस वृद्धि से नाराज़ अभिभावकों ने किया प्रदर्शन
सोमवार की सुबह बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल गेट के बाहर जमा हो गए और स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी की। उनका आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना के स्कूल ने 10 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
प्रबंधन से नहीं हो रहा संवाद, अभिभावकों को नहीं दी गई कोई सूचना
अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने न तो कोई अभिभावक बैठक की, न ही किसी सर्कुलर के माध्यम से उन्हें सूचित किया गया। अचानक मोबाइल एप और फीस पोर्टल पर बढ़ी हुई राशि देखकर अभिभावक हैरान रह गए।
स्कूल प्रिंसिपल पर धमकी देने का आरोप
कुछ अभिभावकों ने आरोप लगाया कि जब वे फीस वृद्धि के संबंध में जानकारी लेने स्कूल पहुंचे, तो स्कूल की प्रिंसिपल ने न केवल बात करने से इनकार कर दिया, बल्कि कुछ अभिभावकों को कथित तौर पर धमकी भी दी। इस व्यवहार से नाराज़ अभिभावकों ने प्रशासन से शिकायत करने की बात कही है।
“हमारा सवाल है – आखिर क्यों बिना सलाह के बढ़ाई गई फीस?”
एक अभिभावक ने कहा, “हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते हैं, लेकिन हर साल स्कूल मनमाने ढंग से फीस बढ़ाता है। कोई पूछने वाला नहीं है।”
प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग
अभिभावकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप कर जांच कराने और मनमानी फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने शिक्षा विभाग से फीस नियमन पर सख्त कानून लागू करने की अपील की है।
स्कूल प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
इस पूरे मामले पर स्कूल प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। स्कूल की प्रिंसिपल से मिलने की कोशिश कर रहे अभिभावकों को अंदर जाने से भी रोका गया।