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साइंस टेक्नोलॉजी की बारिकियों से रूबरू हुए बच्चे

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धनबाद (झारखंड)- स्कूल बच्चों में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एवं मैथमेटिक्स (स्टेम) के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए आईआईटी (आईएसएम) के प्रबंधन अध्ययन और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग की एक टीम ने झरिया में दो अलग-अलग राज्य संचालित स्कूलों केसी गर्ल्स हाई स्कूल, झरिया और झरिया अकादमी का दौरा किया.

 

यह दौरा परियोजना प्रभावित व्यक्तियों (पीएपी) के बच्चों पर विशेष ध्यान देने के साथ वंचित छात्रों के लिए एसटीईएम शिक्षा को बढ़ाने के लिए आईआईटी (आईएसएम) के प्रबंधन अध्ययन और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग की पहल का महत्वपूर्ण हिस्सा थी.

 

प्रबंधन अध्ययन और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग की सहायक प्रोफेसर प्रो रश्मि सिंह के नेतृत्व में टीम सबसे पहले केसी गर्ल्स स्कूल झरिया पहुंची एवं नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों के बीच एक्सपर्ट ट्रेंनिग सेशन आयोजित किया और बाद में झरिया अकादमी झरिया के नौवीं और दसवीं कक्षा के लड़कों के लिए एक सत्र भी आयोजित किया।

 

टीम ने विभिन्न प्रयोगों जैसे लावा लैंप प्रयोग, मोमबत्ती ऑक्सीजन प्रयोग, अंडे के पानी के घनत्व का परीक्षण, और गणित में बीजगणित के प्रयोग आदि पर बच्चों को प्रशिक्षण दिया.

 

आईआईटी (आईएसएम) द्वारा बीसीसीएल के साथ 22 जुलाई को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य नवीन शिक्षण तकनीकों के माध्यम से रणनीतिक हस्तक्षेप विकसित करना, शैक्षिक अंतर को पाटने में मदद करना और छात्रों को आधुनिक दुनिया में पनपने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है।

 

टीम में प्रबंधन अध्ययन और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और सह-पीआई के रूप में प्रोफेसर नीलाद्रि दास दीप चौधरी, आनंद चंद्र साहू, सनी कुमार और पार्थ ओझा सहित अन्य सदस्य शामिल थे। संस्थान में, प्रयोगों के माध्यम से एसटीईएम सीखने की जटिलताओं को सरल बनाने का प्रयास किया।

 

इस दौरान दौरान महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री बिद्युत साहा, और सीएसआर प्रबंधक अभिजीत मित्रा के नेतृत्व में बीसीसीएल के कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व विभाग का एक दल भी उपस्थित था।

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