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मासस का माले में विलय के बाद निरसा में पलड़ा भारी, क्या खिलेगा कमल

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KANHAIYA KUMAR/DHANBAD

धनबाद:- धनबाद की छह विधानसभा सीट पर आगामी 20 नवंबर को मतदाना होना है. राष्ट्रीय पार्टी भाजपा ने छह में पांच सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. टुंडी सीट पर भाजपा गठबंधन दल के साथ चुनाव में जाएगी ऐसा माना जा रहा है.धनबाद के छह सीट में इस बार निरसा भी हॉट सीट में सुमार होता नजर आ रहा है.वर्तमान में यह सीट भाजपा के पाले में हैं.अपर्णा सेन गुप्ता निरसा की विधायक हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने एक बार फिर से अपर्णा सेन गुप्ता पर दाव खेला है. निरसा सीट से भाजपा अपर्णा सेन गुप्ता को मैदान में उतारा है.

लाल झंडा का निरसा में पलड़ा भारी

मासस का माले में विलय होने से इस बार के इलेक्शन में निरसा विधानसभा में लाल झंडा का पलड़ा भारी माना जा रहा है.निरसा सीट,इण्डिया गठबंधन में माले के खाते में गई है. माले से पूर्व विधायक अरुप चटर्जी प्रत्याशी हैं.भाकपा माले यह पहले ही तय कर चुकी थी कि माले उन्हीं सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारेगी, जहां पार्टी भाजपा को शिकस्त देने की स्थिति में है.2019 के चुनाव में अरुप चटर्जी मासस के टिकट पर चुनाव लड़े थे.उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस बार अरुप चटर्जी पुरे दमख्म के साथ चुनाव मैदान में हैं.

तीन टर्म विधायक रहे अरुप चटर्जी

बता दें कि निरसा विधानसभा सीट लाल झंडे का गढ़ माना जाता है. अरूप चटर्जी निरसा सीट से तीन टर्म विधायक रह चुके हैं. 2000 से 2005, 2009 से 2014 और 2014 से 2019 तक वह विधायक रहे हैं.

मासस आठ बार करा चुकी है जीत दर्ज

निरसा सीट पर 10 बार लाल झंडा फहरा, जिसमें मासस ने आठ बार जीत दर्ज की है.
निरसा में चार बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की. एक बार सीपीआइ के निर्मलेंदु भट्टाचार्य जीते, जबकि फाब्ला से एक बार अपर्णा सेनगुप्ता जीतीं. मजदूर बहुल इलाका होने के कारण मजदूर नेताओं की यहां चलती रही.

1952 में हुआ था निरसा विधानसभा का गठन

निरसा विधानसभा का गठन 1952 में किया गया था. 1957 के चुनाव में टुंडी को निरसा से अलग कर अलग विधानसभा क्षेत्र ही बना दिया गया. पश्चिम बंगाल राज्य से सटा झारखंड का सबसे अधिक पंचायत वाला निरसा विधानसभा क्षेत्र है. यहां तीन प्रखंड हैं. निरसा, एग्यारकुंड व केलियासोल. तीनों प्रखंडों को मिलाकर कुल 68 पंचायतें हैं. करीब 286 राजस्व गांव हैं. यहां बूथों की संख्या 424 हैं. पश्चिम बंगाल से सटे इस विधानसभा क्षेत्र में कई भाषाओं के लोग रहते हैं, लेकिन बांग्लाभाषियों की संख्या अधिक है.

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