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बिरसा मुंडा चिड़ियाघर में शेर ‘शशांक’ की बीमारी से मौत, एक युग का अंत

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RAJESH KUMAR /RANCHI

रांची (RANCHI NEWS) – रांची के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) से एक दुखद समाचार सामने आया है। चिड़ियाघर का लोकप्रिय शेर ‘शशांक’ अब इस दुनिया में नहीं रहा। डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया।

15 वर्षीय शशांक पिछले एक महीने से बीमार चल रहा था। उसे साल 2014 में कर्नाटक के बन्नेरघट्टा चिड़ियाघर से रांची लाया गया था। तब से वह रांची जू का आकर्षण का केंद्र बना हुआ था।

हाइब्रिड शेर था शशांक

रांची चिड़ियाघर के अनुसार, शशांक एक हाइब्रिड शेर था। हाइब्रिड जानवरों में सामान्य शेरों की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, और वे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इस नस्ल का औसतन जीवनकाल 15–16 वर्षों तक ही होता है।

चिड़ियाघर के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. ओपी साहू ने बताया कि शशांक के स्वास्थ्य की निगरानी लगातार की जा रही थी। रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक कुमार भी उपचार प्रक्रिया में शामिल थे। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद शशांक को बचाया नहीं जा सका।

मौत की वजह: पेट में ट्यूमर की आशंका

शशांक का पोस्टमार्टम डॉ. एम.के. द्वारा किया गया। पैथोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. गुप्ता ने प्रारंभिक जांच के आधार पर बताया कि शेर की मौत पेट में संभावित ट्यूमर के कारण हुई हो सकती है। हालांकि, सटीक कारण जानने के लिए मृत पशु के अंगों के नमूने आगे की जांच के लिए भेज दिए गए हैं।

एक युग का अंत

शशांक की दहाड़ वर्षों तक रांची जू में गूंजती रही। बच्चों और पर्यटकों के बीच वह एक खास आकर्षण था। उसकी मौत से चिड़ियाघर प्रशासन ही नहीं, शहरवासी भी शोक में हैं। चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया कि शशांक की स्मृति को संरक्षित रखने के लिए विशेष पहल की जा सकती है।

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