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“विकसित कृषि संकल्प” अभियान में जुटे मंत्रीगण: किसानों को दी उन्नत खेती की राह

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BIHAR NEWS

नालंदा/हरनौत | कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से रविवार को नालंदा के हरनौत स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, तथा जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने सहभागिता निभाई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की उपस्थिति ने इसे एक जन-जागरूकता महोत्सव में तब्दील कर दिया।

कम लागत, ज्यादा मुनाफा — किसानों को मिला नया मंत्र

केंद्रिय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में किसानों को पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ते हुए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने विकसित कृषि संकल्प के तहत खेती करने पर जोर देते हुए कहा कि यदि किसान सही तकनीक, मिट्टी की जांच और जैविक संसाधनों का इस्तेमाल करें, तो कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों को किसानों के लिए मार्गदर्शक बताते हुए कहा कि यह संस्थान किसानों के लिए “खुली प्रयोगशाला” हैं, जहां से उन्हें नई तकनीकों की जानकारी मिलती है।

ग्रामीण विकास मंत्री की अपील — मोटा अनाज खाएं, स्वस्थ रहें

वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने जलवायु परिवर्तन और उससे उत्पन्न कृषि संकटों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि किसान यदि उन्नत बीज, जल-संवेदनशील खेती और तकनीक को अपनाएं तो बदलती जलवायु के बीच भी अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।
उन्होंने इस मौके पर मोटा अनाज (जैसे ज्वार, बाजरा, रागी आदि) के महत्व को रेखांकित किया। मंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा,

“आज लोग मोटा अनाज छोड़कर पिज़्ज़ा-बर्गर की ओर भाग रहे हैं, नतीजा अस्पताल की बेड पर आराम मिल रहा है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि लोग पारंपरिक भोजन प्रणाली को फिर से अपनाएं, तो अस्पतालों की भीड़ कम हो जाएगी और जनस्वास्थ्य सुधरेगा।

किसानों को मिला वैज्ञानिक मार्गदर्शन

कार्यक्रम के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को विभिन्न उन्नत तकनीकों जैसे मृदा परीक्षण, ड्रिप सिंचाई, जैविक खाद, फसल चक्र प्रणाली, कीट नियंत्रण की नई विधियों पर जानकारी दी। किसानों ने भी खुलकर अपने सवाल पूछे और सुझाव साझा किए।

उद्देश्य स्पष्ट — समृद्ध किसान, सशक्त ग्रामीण भारत

“विकसित भारत @2047” की कल्पना को साकार करने की दिशा में यह कार्यक्रम एक सार्थक कदम साबित हुआ है, जहां किसान को केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि स्मार्ट एग्री-उद्यमी बनाने की बात की गई।

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