हथियारों की मंडी बनता धनबाद! दो बड़े खुलासों ने खोली अपराधियों की साजिश की परतें
KANHAIYA KUMAR
धनबाद:धनबाद जिले में एक बार फिर अवैध हथियार निर्माण के गहरे जाल का खुलासा हुआ है, जिससे साफ है कि यह क्षेत्र अवैध हथियारों के नेटवर्क के लिए एक सुरक्षित अड्डा बनता जा रहा है। हाल के वर्षों में धनबाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई दो बड़ी कार्रवाइयों ने इस खतरे को उजागर किया है। इन दोनों मामलों में बिहार के मुंगेर जिले के कारीगरों की संलिप्तता ने एक संगठित अंतरराज्यीय गिरोह के अस्तित्व की पुष्टि की है।
17 मार्च 2019: झरिया के हामिद नगर में गन फैक्ट्री का भंडाफोड़
एसएसपी किशोर कौशल के नेतृत्व में झरिया थाना क्षेत्र के हामिद नगर में एक अवैध मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ था। पुलिस को लगातार सूचना मिल रही थी कि यहां भारी मात्रा में हथियारों का निर्माण किया जा रहा है। कार्रवाई के दौरान पुलिस को एक गुप्त तहखाना भी मिला, जिसमें यह कारखाना संचालित हो रहा था।
छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में निर्मित व अर्धनिर्मित देशी पिस्तौल, हथियार बनाने के उपकरण बरामद हुए और गिरफ्तार किए गए 5 अपराधियों में सरगना शब्बीर का नाम सामने आया। जानकारी के अनुसार, शब्बीर पहले मुंगेर में हथियार निर्माण में संलग्न था और वहीं के कुशल कारीगरों को धनबाद बुलाकर यह अवैध फैक्ट्री चला रहा था। हथियारों की आपूर्ति कोलियरी क्षेत्रों में की जा रही थी।
ताज़ा मामला: 2025 में महुदा थाना क्षेत्र के सिंगड़ा बस्ती में फिर गन फैक्ट्री का पर्दाफाश
बुधवार की देर रात महुदा थाना क्षेत्र के सिंगड़ा बस्ती में कोलकाता एसटीएफ, झारखंड एटीएस और धनबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक और अवैध मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ। इस बार स्थानीय निवासी मुर्शिद अंसारी के झोपड़ीनुमा घर से भारी मात्रा में देशी पिस्तौल, अर्धनिर्मित हथियार, हथियार निर्माण के उपकरण और कच्चा माल बरामद किया गया।
कार्रवाई में मुख्य संचालक मुर्शिद अंसारी सहित बिहार के मुंगेर जिले के चार पेशेवर हथियार कारीगरों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि मुर्शिद अंसारी अपने घर में पिछले कई महीनों से गुपचुप तरीके से हथियार बनवा रहा था। कारीगरों को मुंगेर से बुलाया गया था और वे सभी हथियार निर्माण के विशेषज्ञ थे।
जांच में सामने आया बंगाल कनेक्शन
बाघमारा के एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने बताया कि कार्रवाई खुफिया सूचना के आधार पर की गई, जिसमें कोलकाता एसटीएफ की अहम भूमिका रही। पूछताछ के दौरान बंगाल कनेक्शन सामने आया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इन हथियारों के लिए रॉ मटेरियल कहाँ से लाया जा रहा था और अब तक कितने हथियार बनाए और बेचे जा चुके हैं।
अवैध हथियारों का नेटवर्क और संभावित खतरा
इन दोनों मामलों से स्पष्ट है कि मुंगेर के कारीगरों की मदद से धनबाद को अवैध हथियार निर्माण का अड्डा बनाया जा रहा है। तैयार हथियारों की आपूर्ति राज्य के विभिन्न हिस्सों में आपराधिक गतिविधियों के लिए किए जाने की आशंका है। प्रशासन को शक है कि इन फैक्ट्रियों से बनकर निकले हथियार कई गंभीर अपराधों में प्रयोग हुए होंगे।
धनबाद पुलिस और एसटीएफ ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे अपने आस-पास अगर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि देखें तो तुरंत पुलिस को सूचना दें, ताकि अपराधों पर समय रहते लगाम लगाई जा सके।
फिलहाल सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और पुलिस इस अंतरराज्यीय नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए जांच में तेजी ला रही है।
लगातार हो रहे ऐसे खुलासे यह दर्शाते हैं कि अपराधी अब कोयलांचल क्षेत्र को अवैध गतिविधियों का केंद्र बना रहे हैं। लेकिन धनबाद पुलिस और एजेंसियों की सतर्कता से इन मंसूबों को बार-बार नाकाम किया जा रहा है।