हर घर से एक फौजी देने का सपना लेकर चल रहे हैं निरसा के रोमी सिंह – अब तक 9 युवा देश सेवा में समर्पित
धनबाद (निरसा) :- “यदि मन में जज़्बा हो, मेहनत करने का हौसला हो और सही मार्गदर्शन मिल जाए, तो कामयाबी खुद-ब-खुद कदम चूमती है।”
यह कथन चरितार्थ कर रहे हैं सेवानिवृत्त फौजी देवनारायण सिंह उर्फ रोमी सिंह, जिन्होंने धनबाद के निरसा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एग्यारकुंड प्रखंड के डुमरकुंडा दक्षिण पंचायत के चांच कोलियरी स्थित बाबू डंगाल फुटबॉल ग्राउंड को अपने जीवन का मिशन बना लिया है।
सेवा से संकल्प की ओर
30 जून 2021 को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद रोमी सिंह ने तय किया कि वे अब अपने अनुभवों और फौजी अनुशासन के बल पर अपने क्षेत्र के युवाओं को देश सेवा के लिए तैयार करेंगे। उन्होंने बच्चों को शारीरिक, मानसिक और नैतिक प्रशिक्षण देना शुरू किया, और आज इसका परिणाम सामने है—अब तक 9 युवाओं को वे सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस सेवा और अन्य सुरक्षा विभागों में भेज चुके हैं।
इनमें शामिल हैं –
अग्निवीर सेना में – 1
नर्सिंग सेवा में – 1
सीमा सुरक्षा बल (BSF) – 3
केंद्रीय सुरक्षा बल (CRPF) – 1
चौकीदार – 1
बिहार पुलिस – 2
देशभक्ति का जुनून
रोमी सिंह बताते हैं, “हमारे देश को आज समर्पित और अनुशासित युवाओं की आवश्यकता है। ऑपरेशन सिंदूर में हमारे जवानों ने जो वीरता दिखाई, उसने मेरे भीतर देशसेवा का पुराना जोश फिर से जगा दिया। मेरा सपना है कि हमारे क्षेत्र के हर घर से एक बच्चा सेना में भर्ती हो।”
उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज हर दिन 40 से 50 छात्र-छात्राएं सुबह-सुबह ग्राउंड पर पहुंचते हैं। 8 वर्ष की बच्ची से लेकर 25 वर्ष तक के युवा राष्ट्रसेवा के जज़्बे से प्रशिक्षण ले रहे हैं।
8 साल की तन्वी का सपना – देश सेवा
इस ग्राउंड में सिर्फ युवा ही नहीं, बल्कि छोटे बच्चे भी कंधे से कंधा मिलाकर मेहनत कर रहे हैं। 8 वर्षीय तन्वी यादव बताती हैं, “मैं पिछले दो साल से रोज़ सुबह मैदान में आती हूं। मेरा सपना है कि मैं फौज में जाऊं और देश की सेवा करूं। जब मैं वर्दी पहनूंगी, तो मुझे गर्व होगा कि मैं अपने देश के काम आ रही हूं।”
स्थानीय निवासी एकराम अंसारी कहते हैं, “पहले हमारे क्षेत्र से फौज में जाने वालों की संख्या घट रही थी। मोबाइल और सोशल मीडिया में उलझे बच्चों को दिशा देने का काम रोमी सिंह कर रहे हैं। उनके प्रशिक्षण से अब हर साल 4-5 बच्चे सुरक्षा बलों में चयनित हो रहे हैं।”
पूर्व सैनिकों का सहयोग
सेवानिवृत्त जूनियर कमीशंड ऑफिसर मनोज कुमार सिन्हा ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह बच्चों के लिए एक सुनहरा अवसर है। मेहनत और लगन से सफलता जरूर मिलेगी। मैं समय मिलने पर इन बच्चों को देशभक्ति का प्रशिक्षण देता रहूंगा।”
बिहार पुलिस में चयनित सुजाता की कहानी
सुजाता, जो हाल ही में बिहार पुलिस में चयनित हुई हैं, कहती हैं, “महज छह महीने की मेहनत और रोमी सर के मार्गदर्शन से मुझे यह सफलता मिली। मेरे माता-पिता और प्रशिक्षक का भरपूर सहयोग मिला, जिसके लिए मैं आभारी हूं।”
रोमी सिंह की यह पहल केवल प्रशिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि देशभक्ति और अनुशासन की पाठशाला बन चुकी है। उनका सपना है कि हर घर से एक सैनिक निकले और देश को सशक्त बनाए। ऐसे जज्बे को सिर्फ सलाम ही नहीं, बल्कि समर्थन भी मिलना चाहिए।