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स्कूल में विषाक्त अंडा खाने से 80 बच्चे बीमार, अस्पताल में भर्ती

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नालंदा (बिहार):- बिहार के नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां श्री चंदपुर प्राथमिक विद्यालय के करीब 80 बच्चे विषाक्त अंडा खाने से बीमार पड़ गए। स्थिति बिगड़ते ही सभी बच्चों को इलाज के लिए कल्याण बिगहा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कैसे हुआ हादसा?

मिली जानकारी के अनुसार, मध्यान्ह भोजन (मिड-डे मील) के दौरान स्कूली बच्चों को अंडा परोसा गया था। जैसे ही बच्चों ने अंडा खाना शुरू किया, उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी।कुछ बच्चों को उल्टी और पेट दर्द की शिकायत हुई।कई बच्चों को चक्कर और कमजोरी महसूस होने लगी।स्थिति गंभीर होती देख शिक्षकों ने तुरंत स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया।इसके बाद, सभी बीमार बच्चों को तत्काल कल्याण बिगहा रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।

डॉक्टरों का क्या कहना है?

अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, सभी बच्चों की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और कुछ घंटों तक अस्पताल में निगरानी में रखा जाएगा।

डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि अंडा खराब हो सकता है, जिसके कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ी। हालांकि, फूड पॉइजनिंग की असली वजह की जांच की जा रही है।

प्रशासनिक अधिकारियों की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पदाधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

खाद्य विभाग की टीम को भेजा गया है, जो मिड-डे मील के अंडों की गुणवत्ता की जांच करेगी।

स्कूल प्रशासन से पूछताछ की जा रही है कि भोजन की गुणवत्ता को लेकर लापरवाही कैसे हुई।

यदि अंडा सप्लाई करने वाले ठेकेदार की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले

बिहार में मिड-डे मील से बच्चों के बीमार होने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।

2013 में सारण जिले के एक स्कूल में जहरीला भोजन खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी।

2023 में बक्सर के एक स्कूल में खराब खाना खाने से 50 से अधिक बच्चे बीमार हुए थे।

इस तरह की घटनाएं बार-बार होने से मिड-डे मील की गुणवत्ता और निगरानी पर सवाल उठ रहे हैं।

अभिभावकों में आक्रोश, कड़ी कार्रवाई की मांग

घटना के बाद अभिभावकों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि
“हम अपने बच्चों को शिक्षा के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन वहां उनकी जान खतरे में पड़ जाती है। प्रशासन को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”

फिलहाल, प्रशासन और शिक्षा विभाग की टीम मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।

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